देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस चुनाव संचालन सीमित के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की कई इच्छाएं दब कर रह गईं हैं। हालांकि अब वे धीरे-धीरे अपने दिल की बात जनता से सामने रख रहे हैं। हरीश रावत इस चुनाव में अपनी बेटी के साथ बेटे को भी टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। हरीश रावत ने मतदान खत्म होने के बाद कहा कि अगर पार्टी उनके बेटे को भी टिकट देती तो वो जीत जाता।
हरीश रावत ने दावा किया है कि वे लालकुआं विधानसभा सीट से जीत रहे हैं, जबकि उनकी बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से जीत रही हैं। अगर पार्टी उनके बेटे को भी टिकट देती तो एक और सीट कांग्रेस को मिलती, लेकिन कांग्रेस ने उनके बेटे को टिकट नहीं दिया।हरीश रावत ने कहा कि वे कितने अंतर से जीत रहे है, इसके बारे में वे नहीं कह सकते है। लेकिन ये पक्का है कि लोगों ने उन्हें स्वीकार कर लिया है और वो लालकुआं विधानसभा सीट जीतेंगे। हालांकि हरीश रावत खुद मानते हैं कि बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने उन्हें कड़ी टक्कर दी हैं।
हरीश रावत ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी 48 सीटें जीतकर राज्य में सरकार बनाएगी। साथ ही उन्होंने बीजेपी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर तंज भी कसा है। हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा को शर्मसार होने से बचा लिया है। वर्ना बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ता। वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह को भाजपा के सम्मान को बचाने के लिए बधाई देना चाहते हैं। बीजेपी की 20 से कम सीटें आ रही है।
हरीश रावत ने कहा कि इस बार जनता का फैसला बीजेपी के खिलाफ है, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके बड़े भाई हरीश रावत की इच्छाएं उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो सभी नेता मुख्यमंत्री की स्थिति के बारे में कांग्रेस के आलाकमान के फैसले को स्वीकार करेंगे। रावत ने कहा, उत्तराखंड के लिए पार्टी आलाकमान का जो भी फैसला होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की कई इच्छाएं दब कर रह गईं हैं ।
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