देहरादून। इंद्रमणि बडोनी जिन्हें उत्तराखंड के गांधी के रूप में भी जाना जाता है, के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य राजेश कुमार द्वारा इंद्रमणि बडोनी की तस्वीर पर माल्यार्पण द्वारा हुआ। उपप्राचार्या तरुणा कौर, मुख्याध्यापिका रीता त्यागी एवं अन्य शिक्षकों ने पुष्प अर्पित कर इंद्रमणि बडोनी को श्रद्धांजलि दी। विद्यालय के शिक्षक अंकित गैरोला ने गढ़वाली में ही कार्यक्रम का संचालन किया तथा बच्चों को गढ़वाली जैसी मीठी भाषा में संप्रेषण करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम कक्षा नौवीं की छात्रा विधि शर्मा ने इंद्रमणि बडोनी के जीवन पर प्रकाश डाला।
तत्पश्चात संगीत शिक्षिका शाल्वी गुप्ता के निर्देशन में कक्षा सातवीं एवं आठवीं की बालिकाओं ने एक मनमोहक गढ़वाली नृत्य प्रस्तुत किया। तत्पश्चात बालिका एंजेल राठी ने इंद्रमणि बडोनी की उत्तराखंड आंदोलन में भूमिका तथा उत्तराखंड के विकास में उनके योगदान के विषय में जानकारी दी। मुख्याध्यापिका रीता त्यागी ने बच्चों को उत्तराखंड राज्य बनाने में उत्तराखंड के निवासियों के बलिदान के विषय में बताया तथा इस बात पर जोर दिया कि इंद्रमणि के व्यक्तित्व से हमें भी कर्मठता एवं जुझारूपन जैसे गुण ग्राह्य करने चाहिए। उपप्राचार्या तरुणा कौर ने इन्द्रमणि बडोनी जी जैसी महान विभूति को श्रद्धांजलि दी तथा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी को ऐसी महान विभूतियों से हमें जीवन समाज एवं देश के लिए समर्पित करना चाहिए। प्राचार्य राजेश कुमार ने अपने भाषण में “उत्तराखंड के गांधी” माने जाने वाले इंद्रमणि बडोनी के उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए उनके संघर्ष एवं उनके राजनीतिक यात्रा के विषय में बताया तथा उनके महान कार्यों से विद्यार्थियों को अवगत कराते हुए इन्द्रमणि बडोनी को श्रद्धांजलि दी।