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स्वच्छता समिति की आड़ में 60 करोड़ से भी अधिक की चपत

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देहरादून। देहरादून नगर निगम के 100 वार्डों में स्वच्छता समिति के गठन और फर्जीवाडे का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने निगम के इस घोटाले की शिकायत विजिलेंस को कर दी है। देहरादून में पत्रकारों से बात करते हुए एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा है कि यदि इस मामले की जांच विजिलेंस नहीं करेगा तो हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।

एडवोकेट विकेश नेगी ने विजिलेंस एसएसपी को लिखे शिकायती पत्र में कहा है कि नगर निगम में 100 वार्डों के लिए मोहल्ला स्वच्छता समिति का गठन 2019 में किया गया था। तब तय किया गया था कि इन कर्मचारियों को 500 रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान किया जाएगा। एडवोकेट विकेश के अनुसार आरटीआई से पता चला कि स्वच्छता कर्मियों को यह भुगतान पार्षदों के माध्यम से किया जाता था। उनके मुताबिक यह श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन है। नियोक्ता और कर्मचारी के बीच में यह सूदखोरी है।

आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने इस संबंध में पार्षदों द्वारा तैनात किये गये कर्मचारियों की सूची भी विजिलेंस को उपलब्ध कराई है। इस सूची में कई कर्मचारियों का नाम-पता पूरा नहीं है। कई ऐसे नाम हैं जो कि स्वच्छता समिति के लिए काम ही नहीं करते थे। व्यक्तिगत बैंक खातों की डिटेल भी उपलब्ध नहीं कराई गयी है। एडवोकेट विकेश नेगी ने शिकायत में कहा गया है कि इस फर्जीवाडे से प्रदेश सरकार को 60 करोड़ से भी अधिक की चपत लगी है। उन्होंने विजिलेंस से इस मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई करने की अपील की है।

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