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देहरादून में 28 हजार अवैध निर्माण, लेकिन वैध कराने के लिए आवेदन महज 2800

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देहरादून उत्तराखंड।

वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम : देहरादून में 28 हजार अवैध निर्माण, लेकिन वैध कराने के लिए आवेदन महज 2800
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) का कार्यक्षेत्र अब दून शहर व इससे सटे ग्रामीण इलाके ही नहीं, बल्कि पूरा जिला है। दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) के विलय के साथ अब हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण का

ऋषिकेश क्षेत्र भी अब एमडीडीए के जिम्मे है। जाहिर है ऐसे में अवैध निर्माण को वैध करने के लिए लाई गई वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) का लाभ लेने वालों की संख्या बढ़नी चाहिए थी। मगर, इससे उल्टा हो रहा है।
अब तक महज 2864 ही आवेदन

सालभर पहले जिस ओटीएस स्कीम को लागू किया गया था, उसमें अब तक महज 2864 ही आवेदन किए जा सके हैं। यह स्थिति तब है, जब स्कीम इस मार्च माह में समाप्त हो रही है। दून में 28 हजार से अधिक अवैध निर्माण एमडीडीए ने चिन्हित किए हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि ओटीएस का लाभ लेने वालों की संख्या काफी अधिक होगी। इसके चलते बीते साल मार्च में समाप्त हो रही स्कीम को पहले सितंबर और फिर अब मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया। इसके बाद भी हालात जस के तस हैं। 2846 आवेदनों में भी 1200 के करीब आवेदन बीते सितंबर माह तक के हैं। यानी इसके बाद के पांच माह में आवेदनों की संख्या में महज 1600 का ही इजाफा हो पाया है। ऐसे में ओटीएस की अवधि फिर से बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस हो रही है। लेकिन, आचार संहिता के चलते ऐसा संभव नहीं होता दिख रहा।
अवधि बढ़ाने पर शासन कर सकता है कार्रवाई

एमडीडीए उपाध्यक्ष बीके संत का कहना है कि ओटीएस की अवधि बढ़ाने को लेकर शासन कार्रवाई कर सकता है। मार्च में समाप्त होने जा रही स्कीम को लेकर शासन को अवगत करा दिया गया है।

ओटीएस में नक्शा पास करने की डेडलाइन पर काम नहीं
जब ओटीएस को लागू किया गया था, तब दून के आर्किटेक्टों ने कहा था कि नक्शा पास करने के लिए समय सीमा तय है। सेवा का अधिकार के तहत भी आवासीय श्रेणी के नक्शों के लिए अधिकतम 15 दिन व कमर्शियल श्रेणी में 30 दिन का समय तय है। लिहाजा, ओटीएस में भी यह नियम अपनाया जाए। क्योंकि इससे पहले जो दो ओटीएस स्कीम लागू की गई थी, उसके भी तमाम नक्शे एमडीडीए में अब तक लंबित पड़े हैं। एमडीडीए ने न तो नक्शों का निस्तारण किया है, न ही नागरिकों से ली गई धनराशि को वापस किया है। इसके बाद भी यह ढर्रा नहीं बदला। जिसके चलते नागरिकों का मोह भी भंग होने लगा है।
अभी भी समय, इस तरह के भवन हो सकेंगे वैध

जिन भवनों का नक्शा पास नहीं है या उनका निर्माण स्वीकृत नक्शे से भिन्न किया गया है। इस तरह के सभी भवन मालिक कंपाउंडिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। खास बात यह भी कि ओटीएस के तहत दाखिल किए जाने वाले नक्शों में बिल्डिंग बायलाज में भारी भरकम रियायत दी जा रही है।

ओटीएस की अब तक की स्थिति

श्रेणी – आवेदन – स्वीकृत – निरस्त – लंबित
आवासीय – 2066 – 1149 – 489 – 428

कमर्शियल – 798 – 297 – 272 – 229

कुल -2864 – 1446 – 761 – 657

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