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अपहरण की सूचना निकली फर्जी

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देहरादून। एमकेपी रोड से युवक के अपहरण की हुई घटना का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। यह अपहरण नहीं था बल्कि युवक आपसी समझौते के बाद ही गांव के लोगों के साथ गया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह द्वारा मामले का खुलासा कर बताया गया कि बीते रोज कोतवाली डालनवाला क्षेत्रांर्तगत आराघर में माया देवी पत्नी रामस्वरूप पासवान निवासी एमकेपी रोड डालनवाला व मूल निवासी ग्राम कोयलापुर, थाना कल्याणपुर, जिला समस्तीपुर, बिहार ने सूचना दी कि उनके बेटे बादल को उनके गांव में रहने वाले कमल पासवान पुत्र राम अवतार पासवान सहित कुछ लोग अपने साथ जबरदस्ती बिहार लेकर जा रहे हैं, सूचना पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने चैकिंग अभियान चला कर युवक की खोज शुरू कर दी। जांच में पता चला कि आरोपियों द्वारा युवक को पहले इलेक्ट्रिक ऑटो से तथा उसके पश्चात किराये की कार से ले जाया गया है। जिस पर पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से युवक को हरिद्वार से सकुशल बरामद किया गया।
पूछताछ में पता चला कि उक्त युवक बादल पुत्र स्व. रामस्वरूप पासवान निवासी हाल एमकेपी चैक मूल निवासी बिहार अपनी मां मायादेवी के साथ पिछले 19-20 वर्षों से देहरादून में रह रहा था तथा पिछले तीन वर्षो से मजूदरी का कार्य कर रहा था। बताया जा रहा है कि युवक अपने परिवार के साथ हर साल अपने पैतृक गांव जाता रहता था, 3 साल पहले अपने गाँव की एक युवती रूपांजलि पुत्री कमल से उसका प्रेम प्रसंग हो गया, जिसकी जानकारी लगभग एक माह पहले रूपांजलि के पिता कमल पासवान को हुई, उसके पश्चात गाँव में हुई पंचायत में पंचों के समक्ष दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया तथा भविष्य में एक दूसरे से कोई सम्पर्क न रखने की बात तय हुई थी। उसके पश्चात बादल व उसकी मां बिहार से देहरादून वापस आ गए तथा लड़की का रिश्ता किसी अन्य लड़के से बिहार में तय हो गया। देहरादून आने के बाद बादल पुनः लड़की के फोटो उसके होने वाले पति को भेजने लगा, तब लड़की के पिता कमल पासवान द्वारा फोन कर बादल को फोटो आदि न भेजने के लिये समझाया गया किन्तु बादल के द्वारा बार-बार मैसेज भेजने पर लड़की के ससुराल वालों ने लड़की पक्ष को बादल को पंचायत में बुलाकर स्थिति साफ करने के लिए बताया गया किंतु फोन करने पर भी बादल व उसकी माता माया देवी बिहार नहीं आए तब कल 30 मार्च को लड़की के पिता कमल पासवान अपने गाँव के 3 अन्य लोगों के साथ बादल के घर देहरादून पर आए, बादल के घर पर उन्हें बादल व उसकी बहन पूजा मिली, उन्होंने बादल को पंचायत में चलकर स्थिति को साफ करने के लिए कहा तथा बादल को उसकी सहमति से ऑटो में बैठाकर ले गए तथा उसकी मां को फोन कर बादल को अपने साथ ले जाने व पंचायत में आने के संबंध में बताया। जी.एम.एस. रोड से उनके द्वारा एक कार बुक की गई जिसे लेकर वे हरिद्वार पहुंचे तथा हरिद्वार में एक ढाबे में रूककर खाना खाने के दौरान पुलिस द्वारा उन्हें रोक लिया गया। दोनों पक्षों के आपसी समझौता हो गया। दोनों पक्ष कोई पुलिस कार्रवाई नहीं चाहते है।

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