श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत ।
देहरादून जनता के नतीजे भले ही दस मार्च को आएंगे लेकिन एक्जिट पोल के अनुमान आ चुके है । उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में देखे तो कुछ एक्जिट पोल भाजपा तो कुछ कांग्रेस की सरकार बनाते हुए दिख रहे है । सात मार्च को आये इन एक्जिट पोलो ने नेताओ की धड़कन बढ़ा दी है बड़े नेता चुनाव परिणाम आने से पहले ही दून में डेरा डाल चुके है हालांकि एक्जिट पोल कई मर्तबा फैल भी हुए है ।
दिल्ली में दो हजार बिस में हुए विधानसभा चुनाव हो चाहे छत्तीसगढ़ या फिर बंगाल, राजस्थान, मध्यप्रदेश एक्ज़िट पोल से इतर जनादेश रहा । परिणाम से पहले के अनुमान स्टीक होंगे ऐसा कहा नहीं जा सकता बेरोजगारी महगाई तेहरा महीनो से किसानो का आंदोलन सब कोई फ़ैक्टर नही रहा । उत्तराखंड की बात करे तो दो हजार सत्ररा में जीरो टॉलरेंस की त्रिवेंद्र सरकार में घोटाले घपलों की लंबी फेरिसत है चार साल में ही त्रिवेंद्र को सीएम पद से चलता कर दिया । पौड़ी सांसद तीरथ रावत ओर फिर तीसरे पुष्कर सिंह धामी के रूप में सीएम मीले । प्रचंड बहुमत की सरकार में तीन सीएम राज्यवासियों ने देखे ।
प्रदेश में भ्रस्टाचार चरम पर है घोटाले घपलों की फेरिसत काफी बड़ी है । बेरोजगारी से युवा परेशान है महगाई ने ग्रहणी की रसोई का स्वाद बिगाड़ दिया है वही राज्य का ट्रैक है कि हर पांच साल मे सत्ता परिवर्तन । जमीन में ऐसा कोई समीकरण नही दिख रहे जिससे सत्ता की वापिसी के संकेत मिलते हो चुनाव बाद जिस तरह से भाजपा के प्रत्यशियो ने उनकी सीटो पर भीतरघात होने की पीड़ा जग जाहिर की है वह किसी से छुपी नही है । इस सब की बावजुद भी अधिकांश एक्जिट पोल भाजपा की ही सरकार बन जाने का अनुमान लगा रहे है । हालांकि दोनों तरफ से फील्डिंग सजा दी गयी है कांग्रेस ने अपने बड़े नेता दीपेन्द्र हुड्डा तो वही भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय को उत्तराखंड भेजा है ।