Advertisement Section

केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ते में 3 फीसदी का हो सकता है इजाफा ।

Read Time:4 Minute, 36 Second

श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

देहरादून केंद्रीय कर्मचारियों को होली गिफ्रट मिलने जा रहा है! मार्च महीने में सरकार केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। इससे सैलरी में इजाफा होना तय है। 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका फायदा मिलेगा। जनवरी 2022 के लिए महंगाई भत्ते का ऐलान होना है। महंगाई भत्ते में 3 फीसदी का इजाफा होगा।

श्रम मंत्रालय के मुताबिक दिसंबर 2021 में आल इंडिया कन्ज्यूमर प्राईस इंडेक्स फार इंड्रस्ट्रियल वर्कर का आंकड़ा 125.4 पर पहुंचा था। इससे कर्मचारियों के डीए में 3 फीसदी का इजाफा कन्फर्म है। इससे 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी डीए मिलेगा। कर्मचारियों को मार्च की सैलरी में इसका भुगतान किया जा सकता है।

जेसीएम सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई के अनुपात में पैसा मिलना चाहिए। सरकार ने अभी तक एरियर को लेकर स्थिति साफ नहीं की है। ऐसे में 3 फीसदी डीए का ऐलान होता है तो निश्चित तौर पर राहत की बात है। अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपए महीना है तो इससे उसकी तनख्वाह 900 रुपए महीना बढ़ेगी। सालाना आधार पर देखें तो सीधे उनकी ग्रास सैलरी में 10,800 रुपए बढ़ जाएंगे। कैबिनेट सचिव स्तर के अफसरों की सैलरी 7500 रुपए महीना बढ़ेगी। 

महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है। ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में कोई फर्क न पड़े। ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्व के दौरान हुई थी। उस वक्त सिपाहियों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए तनख्वाह से अलग यह पैसा दिया जाता था। उस वक्त इसे खाद्य महंगाई भत्ता या डियरनेस फूड अलाउंस कहते थे। भारत में मुंबई से 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा।

डियरनेस अलाउंस कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है। यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को दिया जाता है। महंगाई भत्ता इसलिए दिया जाता है कि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारियों को अपना जीवन-यापन करने में कोई परेशानी न हो। आमतौर पर हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में डियरनेंस में बदलाव किया जाता है।

महंगाई भत्ता कर्मचारियों के वेतन के आधार पर दिया जाता है। शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता अलग-अलग होता है। डियरनेस अलाउंस की गणना मूल सैलरी पर होती है। महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक फार्मूला तय किया गया है, जोकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से तय होता है।

महंगाई भत्ते का फीसदी = पिछले 12 महीने का सीपीआई का औसत-115.76. अब जितना आएगा उसे 115.76 से भाग दिया जाएगा। जो अंक आएगा, उसे 100 से गुणा कर दिया जाएगा।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post धन सिंह रावत ने कहा की वह कहीं भी मुख्यमंत्री की रेस में शामिल नहीं हैं।
Next post उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी की प्रदेश सह प्रभारी दीपिका पांडे ने सह प्रभारी पद से दिया इस्तीफा ।