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श्री झंडे जी मेला पंचमी तिथि 22 मार्च से होगी शूरू।। 

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

देहरादून राजधानी से रविवार को  देहरादून जनपद का सबसे बड़ा ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेला पंचमी तिथि यानी 22 मार्च से शुरू होगा।   प्राप्त जानकारी के अनुसार  श्री गुरु राम राय जी महाराज की जयंती पर हर साल श्री दरबार साहिब,  श्री झंडे जी मेले का आयोजन दून के आड़त बाजार,झण्डे बाजार में किया जाता है। देहरादून में होली के पांचवें दिन (चैत्रवदी पंचमी को) ऐतिहासिक श्री झण्डे जी मेले का आयोजन हर्षाल्लास व भक्तिभाव के साथ किया जाता है। जिसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश की संगत मत्था टेकने पहुंचती हैं। वही इस मौके पर  झण्डे जी के आरोहण व मेले के आयोजन को लेकर दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज ने तैयारियों का जायजा लिया व मेला प्रबन्धन से जुड़े अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये।

वही , देहरादून में श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म पंजाब के कीरतपुर (जिला होशियारपुर) में वर्ष 1646 में होली के पांचवें दिन चैत्रवदी पंचमी पर हुआ था।  तब से हर साल संगतों द्वारा देहरादून में होली के पांचवें दिन (चैत्रवदी पंचमी) ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेले का आयोजन किया जाता है। वही इस  श्री झंडे जी के आरोहण व मेले की तैयारियों को लेकर श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने तैयारियां का जायजा लिया।  वही इस दौरान मेला व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि इस साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से संगतें श्री झंडा जी मेला में दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। दून जनपद में ट्रैफिक व्यवस्था, वाहनों की पार्किंग, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था, मेला आयोजन स्थल पर पुलिस थाने का संचालन, मेला अस्पताल का संचालन, एंबुलेंस व्यवस्था, श्री दरबार साहिब में प्रवेश व निकास के लिए आवश्यक वन-वे व्यवस्था मेले के दौरान होने वाली है।

वही , देहरादून में मेले में झंडेजी पर गिलाफ चढ़ाने की भी अनूठी परंपरा है। चैत्र पंचमी के दिन झंडे की पूजा-अर्चना के बाद पुराने झंडेजी को उतारा जाता है और ध्वजदंड में बंधे पुराने गिलाफ, दुपट्टे आदि हटाए जाते हैं। दरबार साहिब के सेवक दही, घी और गंगाजल से ध्वजदंड को स्नान कराते हैं। इसके बाद शुरू होती है। झंडेजी को गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया। झंडेजी पर पहले सादे (मारकीन के) और फिर सनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं। सबसे ऊपर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है और फिर पवित्र जल छिड़ककर श्रद्धालुओं की ओर से रंगीन रुमाल, दुपट्टे आदि बांधे जाते हैं। वही इस दौरान   झंडा मेले में हर तीन वर्ष में झंडेजी के ध्वजदंड को बदलने की परंपरा रही है। इससे पूर्व वर्ष 2020 में ध्वजदंड बदला गया था। साथ ही श्री झंडा जी मेला प्रबंधन समिति के व्यवस्थापक व मेलाधिकारी केसी जुयाल ने बताया कि अपरिहार्य परिस्थिति में किसी भी वर्ष ध्वज दंड को बदला जा सकता है। इसलिए इस वर्ष नया ध्वज दंड लगभग 90 फीट ऊंचा रहेगा। नए ध्वजदंड को दुधली के जंगलों से लाकर एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, मोथरावाला में रखा गया है।

दून जनपद के  सिटी मैजिस्ट्रेट, एसपी ट्रैफिक, एसपी सिटी, सीओ सिटी सहित प्रशासनिक अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल ने दरबार साहिब पहुंच कर  आश्वस्त किया कि मेला आयोजन से संबंधित सभी आवश्यक तैयारियों को समय से पूरा कर लिया गया है।  वही इस मेला आयोजन से जुड़ी 50 समितियां समय से अपने कार्य पूरा करने में लगी हुई हैं। वही इस दौरान श्री दरबार साहिब में आयोजित होने वाले श्री झण्डे जी मेले में पुण्य अर्जित करने के लिए हर साल देश विदेश से लाखों की संख्या में संगतें देहरादून पहुंचती हैं। इस बारे झण्डे जी आरोहण व मेले के आयोजन को लेकर मेला प्रबन्धन ने आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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