देहरादून, 3 सितम्बर। आबकारी विभाग के आला अफसरों से लेकर निचले स्तर के अधिकारियों की लापरवाही कहें या फिर अफसरों, कर्मचारियों की शराब माफिया से मिलीभगत, धर्मनगरी ऋषिकेश व हरिद्वार जैसे ड्राई जोन में शराब की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। यहां उनकी पौ बारह हो रही है। सूत्रों की मानें तो इस अवैध धंधे में यूपी, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, नईदिल्ली समेत अन्य राज्यों के शराब तस्कर शामिल हैं। अनजान कारणों से उनकी तरफ ना तो आबकारी विभाग और ना ही पुलिस प्रशासन के अफसरों की नजर है।
बता दें कि ऋषिकेश और हरिद्वार के धार्मिक महत्व के स्थल हैं। सरकार ने इन्हें शराब के लिहाज से ड्राई जोन घोषित किया हुआ है। यानी कि इन दोनों शहरों में ना तो शराब के ठेके आवंटित किए जाएंगे और ना ही चोरी छुपे शराब पर कारोबार किया जा सकेगा। लेकिन हकीकत यह है कि इन दोनों शहरों में राज्य के अन्य शहरों की तुलना में बड़े पैमाने पर शराब का कारोबार हो रहा है। आबकारी विभाग व पुलिस प्रशासन से बेखौफ यूपी, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, नई दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के शराब माफिया इन दोनों शहरों में शराब की आपूर्ति कर रहे हैं।
जहां शराब के शौकीन पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए यह शराब माफिया मददगार है। वहीं इन शहरों में तैनात आबकारी विभाग के कारिंदे शराब माफिया के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है। यही वजह है कि शराब माफिया के हौसले बुलंद हैं। पिछले दिनों शराब माफिया ने एक मीडियाकर्मी पर जानलेवा हमला किया था। इसके अलावा भी इन शहरों में शराब के कारोबार को लेकर शराब माफिया गुटों के बीच मारपीट की कई घटनाएं भी हो चुकी हैं।
ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे शहरों में शराब की तस्करी ना हो, इसके लिए विभागीय स्तर पर लगातार अभियान चलाया जाता है। अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि हरिद्वार व ऋषिकेश में चोरी छिपे शराब का कारोबार ना होने पाए। समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जाती है। फिलहाल इन शहरों में शराब की तस्करी ना हो इसके लिए लगातार विशेष अभियान चलाया जाएगा।
– प्रशांत आर्य, आबकारी अधिकारी