Advertisement Section

17 नवंबर को रात 9 बजकर सात मिनट पर बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, विजयादशमी पर घोषित हुई तिथि

Read Time:4 Minute, 12 Second
चमोली, 12 अक्टूबर। 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हो गई है. आगामी 17 नवंबर को मिथुन लग्न में रात नौ बजकर सात मिनट पर पूरे विधि-विधान से भगवान बदरी विशाल मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे. वहीं भगवान मदमहेश्वर के कपाट भी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. इसके अलावा तीन नवंबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे. वहीं, दो नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे.
वहीं द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट भी आगामी 20 नवंबर को बंद होंगे. इसके अलावा तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को बंद होंगे. बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि आज विजयादशमी/दशहरे के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचांग गणना पश्चात समारोह पूर्वक तय की गयी.
13 नवंबर को शुरू हो जाएगी कपाट बंद होने की प्रक्रिया
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रकिया 13 नवंबर से शुरू हो जाएगी. सोमवार 13 नवंबर को पहले दिन गणेश जी की पूजा होगी और फिर शाम को गणेश जी के कपाट बंद होंगे. 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे.
16 नंवबर को माता लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा
वहीं 15 नवंबर को खड़क पुस्तक वाचन और वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा. इसके बाद शनिवार 16 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा. 17 नवंबर शाम सात बजे बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. रावल जी स्त्री रूप धारण कर माता लक्ष्मी को परिसर स्थित मंदिर से बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे.
उद्धव‌ जी और कुबेर जी को लाया जाएगा गर्भगृह से बाहर
बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने से पहले श्री उद्धव‌ जी और कुबेर जी को मंदिर गर्भगृह से बाहर परिसर में लाया जाएगा. इसी के साथ रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे. इसी दिन साथ ही कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव प्रवास हेतु पहुंचेंगे और श्री उद्धव जी रावल निवास आ जायेंगे.
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के शीतकालीन पूजा स्थल प्रस्थान के तहत सोमवार 18 नवंबर को उद्धव जी, श्री कुबेर जी सहित रावल अमरनाथ नंबूदरी और आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रात्रि प्रवास हेतु योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे. उद्धव जी और कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे, जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवंबर मंगलवार को श्री नृसिंह मंदिर परिसर में विराजमान हो जायेगी. इस तरह इस वर्ष की बदरीनाथ धाम यात्रा का भी समापन हो जायेगा.
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post नवरात्रि के नवें दिन पर मां नवदुर्गा तिला भराड़ी मंदिर में बीकेटीसी उपाध्यक्ष ने की पूजा-अर्चना
Next post रामलीला के मंचन के वक्त हरिद्वार जिला जेल से 2 कैदी फरार, अब पुलिस की 10 टीमें कर रहीं तलाश