श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।
हरिद्वार। उत्तराखंड विजिलेंस टीम को भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में मिली एक और सफलता , ऊर्जा निगम के एसडीओ को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ ।
सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार अभी भी जड़े जमाए हुए हैं सरकार ऑनलाइन सिस्टम से लेकर सिंगल विंडो सिस्टम के लाख दावे कर ले लेकिन भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी है कि किसी न किसी रूप में भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी इसे नए नए तरीके से अंजाम देते रहते हैं।
अब ताजा मामला हरिद्वार के कनखल इलाके का है। जहां पार्षद के भाई से बिजली के कनेक्शन के नाम पर ₹20000 की रिश्वत लेते हुए ऊर्जा निगम के एसडीओ को विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि एसडीओ पार्षद के भाई को कनेक्शन के नाम पर पिछले 4 महीने से टहला रहा था। पुलिस के मुताबिक जगजीतपुर के राजा गार्डन से भाजपा पार्षद लोकेश पाल के भाई महेश पाल ने बिजली के कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन 4 महीने पहले किया था। लेकिन उस क्षेत्र के एसडीओ संदीप शर्मा लगातार महेश को टालमटोल करते जा रहे थे। महेश पाल को पता चला कि उन्हें कनेक्शन के नाम पर ₹20000 की रिश्वत देनी पड़ेगी। पीड़ित ने इसकी सूचना विजिलेंस के टोल फ्री नंबर 1064 पर दी। इस पर विजिलेंस ने एसडीओ को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया
तय योजना के तहत शनिवार दोपहर महेश रिश्वत की रकम लेकर पहुंचा। जैसे ही रिश्वत के ₹20000 एसडीओ ने पकड़े तो विजिलेंस टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद विजिलेंस टीम ने घंटों तक एसडीओ संदीप शर्मा से पूछताछ की और दफ्तर में भी कई फाइलें कंगाली जिसके बाद विजिलेंस टीम एसडीओ को देहरादून लेकर गई।