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एक हफ्ते से लापता तोते को खोजने वाले को मुंह मांगा इनाम देने की घोषणा

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बुलंदशहर, 15 दिसम्बर। नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कृष्ण नगर निवासी एक व्यक्ति का तोता लापता हो गया। पीड़ित ने तोते के साथ अपना एक फोटो फेसबुक पर पोस्ट कर तोता ढूंढने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। वह पक्षियों से बहुत प्रेम करते हैं। उन्होंने बताया कि तोते के जाने से उनके परिवार में शोक का माहौल है। परिवार के बच्चे खाना तक नहीं खा रहे हैं। गली के बच्चे भी मायूस हैं।

नगर के कृष्णा नगर निवासी नवीन पाठक ने एक तोता (पहाड़ी/ एलेग्जेंडर) पाला हुआ था। जिसका नाम विष्णु रखा था। उन्होंने बताया कि करीब ढाई साल पहले उनके पास एक मजदूर का फोन आया। उसने बताया कि एक पक्षी लिंटर के पास पड़ा हुआ है। जब वह मौके पर पहुंचे तो वह बच्चा था और पूरी तरह मिट्टी में सना हुआ था, उसकी पहचान भी नहीं हो रही थी कि वह तोता है। घर लाकर उसे स्नान कराया और उपचार कराया। कुछ दिन में वह ठीक हो गया।

7 दिनों से तोता लापता है और मालिक ने सोशल साइट्स पर मदद मांगी है
पूरा मामला बुलंदशहर के थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के कृष्णा नगर निवासी नवीन पाठक एक पशु-पक्षी प्रेमी इंसान है. इन्होंने एक तोता (पहाड़ी/एलेग्जेंडर) पाल रखा है. यह तोते को खुला ही रखते हैं तोता इन्हीं के आसपास रहता है. यह जहां भी जाते हैं, तोता भी इन्हीं के साथ रहता है. तोता अगर कहीं जाता भी है तो दिनभर में घूम फिरकर शाम को वापस आ जाता है. इस बार सात दिन पहले इनका तोता चला तो गया लेकिन लौटकर नहीं आया. इन्होंने तोते को खूब ढूंढा , लेकिन वह नहीं मिला तो अपने तोते की याद में इनका बुरा हाल है.

अब इन्होंने सोशल मीडिया साइट्स पर एलान कर दिया है कि जो भी इनके तोते को ढूंढकर देगा, उसे मुंह मांगे रुपए का इनाम दिया जाएगा. बस इतना ही नही बो ऐसा तोता है कि इनका नाम पता मोबाइल नंबर भी जानता है और जो नवीन पाठक बोलते हैं वही तोता बोलता है ऐसे बोलते हुए कई वीडियो भी नवीन पाठक ने सोशल मीडिया पर वायरल किए हैं.

घर के बच्चे नहीं खा रहे खाना
नवीन पाठक ने बताया कि तोते की याद में घर के बच्चे खाना भी नहीं खा रहे हैं। वह दबाव बना रहे हैं कि कहीं से भी विष्णु को ढूंढ़कर लाओ। सुबह 10 बजे घर से निकलता हूं और रात को आठ बजे तक उसे इधर-उधर ढूंढते रहते हैं। परिवार के अन्य लोग भी उसे ढूंढने में सहयोग कर रहे हैं। घर के माहौल को देखकर बहुत दुख हो रहा है। उन्होंने बताया कि गली के बच्चे भी काफी मायूस हैं। जब वह ट्यूशन पढ़ने के लिए जाते थे तो विष्णु से बात करते थे।

पापा-मम्मी कहकर पुकारता था, साथ खाता था खाना
नवीन पाठक ने बताया कि उन्हें वह पापा कहता था और उनकी पत्नी ज्योति पाठक को मम्मी कहता था। जैसे घर के अन्य बच्चे बोलते थे, वैसे ही विष्णु भी बोलता था। खाने की थाली आते ही वह कंधे पर आकर बैठ जाता था। पहले उसे खाना खिलाते थे और फिर परिवार के सभी लोग खाना खाते थे। अब उसके बिना परिवार में अधूरापन महसूस हो रहा है। उन्होंने बताया कि रात को सपने भी अजीब आ रहे हैं। कभी सपने में वह कहीं बैठा दिखाई देता है तो कहीं पर उसे मरा हुआ देखा जा रहा है। मन बहुत ही दुखी है।

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