प्रयागराज, 25 दिसम्बर। महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से होनी है. इससे पहले व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने का काम चल रहा है. इसी कड़ी में मेले में बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाने के लिए मेला क्षेत्र में महाकुंम्भ त्रिवेणी मार्ग चौराहे पर कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र बनाया गया है. इसके अलावा 10 अन्य स्थानों पर भी यह केंद्र बनाया गया है.
केंद्रों में 100 लोगों के साथ रहने के अलावा उनके खाने-पीने और इलाज की भी व्यवस्था की गई है. बिछड़े लोगों को उनके अपनों तक पहुंचाने के लिए एआई तकनीक के साथ ही सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जाएगी. 1 जनवरी से मेला क्षेत्र में बने ये खोया पाया केंद्र काम करने लगेंगे.
बच्चों के लिए गेमिंग जोन की भी व्यवस्था
एसडीएम ज्ञान प्रकाश यादव ने बताया कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण के कार्यालय के पास त्रिवेणी रोड चौराहे पर संगम पुलिस चौकी के नजदीक एक कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र को खोला गया है. इसी सेंट्रल केंद्र से 10 अन्य ब्रांच भी जुड़ी हैं. ये मेले के अलग-अलग सेक्टर में बनाए गए हैं. सबसे बड़े इस सेंटर में रहने-खाने से लेकर आराम करने और छोटे बच्चों के लिए गेमिंग जोन भी है.
मनोवैज्ञानिक कक्ष भी है मौजूद
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते 7 दिसंबर को कंप्यूटरीकृत खोया पाया केंद्र का उद्घाटन किया था. इस केंद्र में महिलाओं-पुरुषों के रहने के लिए अलग-अलग कमरे बनवाए गए हैं. इलाज के लिए चिकित्सा कक्ष भी बनाया गया है. मनोवैज्ञानिक के लिए भी एक कक्ष बनाया गया है. वे जरूरत पड़ने पर मनोरोगियों की सहायता करेंगे.
केंद्र में खाने-पीने की भी निशुल्क व्यवस्था
महाकुंम्भ मेला एसडीएम ज्ञान प्रकाश यादव ने बताया कि अपनों से बिछड़ कर इस केंद्र में आने वाले व्यक्तियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. खाने-पीने की निशुल्क व्यवस्था है. बिछड़ने वालों लोगों को उनके अपनों सें मिलवाने के लिए एआई तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा.सीसीटीवी की मदद से कंप्यूटर से तस्वीर वीडियो मैच करवाकर बिछड़ने वाले लोगों का पता लगा लगा जाएगा.
1920 पर कॉल करके भी कर सकते हैं शिकायत
कंप्यूटरीकृत खोया पाया केंद्र में डिजिटल तरीके से भी अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. संबंधित व्यक्ति को 1920 पर कॉल करना होगा. इसके बाद वह अपनों से बिछड़ने से जुड़ी जानकारी दर्ज करवा सकेगा. यही नहीं इस केंद्र में अपनों से बिछड़ने वालों का स्केच बनाकर भी उसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की मदद से भीड़ की वीडियो फुटेज और फोटो से मैच कर उस व्यक्ति का पता लगाया जाएगा.