नई दिल्ली, 26 दिसम्बर। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे. उनका निधन हो गया है. दिल्ली एम्स ने गुरुवार देर रात उनके निधन की पुष्टि की. शाम को 92 वर्षीय मनमोहन सिंह को गंभीर हालत में दिल्ली एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है.
डॉ. सिंह के निधन के बाद दिल्ली एम्स के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा समेत तमाम बड़े नेता एम्स पहुंच रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, मनमोहन सिंह की बेटी भी उनके साथ अस्पताल में हैं. खबर है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे भी कांग्रेस अधिवेशन को छोड़कर दिल्ली लौट रहे हैं.
मनमोहन सिंह जी उन विरल राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने शिक्षा जगत और प्रशासन दोनों में समान रूप से सहजता से काम किया. सार्वजनिक कार्यालयों में अपनी विभिन्न भूमिकाओं में, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा, उनके बेदाग राजनीतिक जीवन और उनकी अत्यंत विनम्रता के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उनका जाना हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है. मैं भारत के महानतम सपूतों में से एक को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं.
द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति भारत सरकार
डॉ. मनमोहन सिंह जी और मैं उस समय नियमित रूप से बातचीत करते थे जब वह प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श करते थे. उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा देखने को मिलती थी. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार, उनके मित्रों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत सरकार
उपराष्ट्रपति ने शोक जताया
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शोक व्यक्त करते हुए आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाले प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ. पद्म विभूषण से सम्मानित और 1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार डॉ. सिंह ने साहसपूर्वक हमारे देश को एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के माध्यम से आगे बढ़ाया, जिससे विकास और समृद्धि के नए रास्ते खुले.
उनकी ईमानदारी हमारे लिए प्रेरणास्रोत: प्रियंका
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा, “राजनीति में बहुत कम लोग सरदार मनमोहन सिंह जी जैसा सम्मान पाते हैं. उनकी ईमानदारी हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी और वह हमेशा उन लोगों के बीच होंगे जो इस देश से सच्चा प्यार करते हैं, क्योंकि वह अपने विरोधियों द्वारा अनुचित और गहरे व्यक्तिगत हमलों के बावजूद राष्ट्र की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहे. वह वास्तव में समतावादी, बुद्धिमान, दृढ़ इच्छाशक्ति वाले और अंत तक साहसी रहे. राजनीति की कठिन दुनिया में एक अद्वितीय गरिमामय और सज्जन व्यक्ति.”
मनमोहन सिंह का जीवन परिचय
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और लगभग 33 वर्ष तक राज्यसभा के सांसद रहे. वर्ष 1991 में वह पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे. उसी साल वह 1991 से 1996 तक तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे और उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में नई वित्तीय व प्रशासनिक सुधारों की शुरुआत की.
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पंजाब में हुआ था. उन्होंने 1952 और 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की. उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से आर्थिक ट्रिपोस (Economic Tripos) पूरा किया. इसके बाद 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी. फिल. की उपाधि प्राप्त की. डॉ. सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षण कार्य किया.
वह 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार में शामिल हुए. उन्हें जल्द ही 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया गया. यूएनसीटीएडी (व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) सचिवालय में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987-1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग का महासचिव नियुक्त किया गया.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे
इसके अलावा, मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पदों पर भी कार्य किया. वह 1991 से राज्यसभा के सदस्य बने, जहां वह 1998-2004 तक विपक्ष के नेता रहे. 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद उन्होंने 22 मई, 2004 और फिर 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री का पद संभाला.
मनमोहन सिंह को मिल चुके हैं कई सम्मान
विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उनकी कई उपलब्धियों के लिए उन्हें किए सम्मान प्रदान किए गए हैं. इनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड, 1993 और 1994 दोनों में वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवार्ड और 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार शामिल हैं.