देहरादून, 3 जनवरी। राजधानी सहित पूरे उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है कि एक बार फिर से एक ही परिवार में दूसरा द्रोणाचार्य अवार्ड आ रहा है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज जसपाल राणा के बाद अब उनके भाई सुभाष राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलेगा. सुभाष राणा ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में शामिल हुई निशानेबाजी टीम को प्रशिक्षण दिया था और 5 मेडल भी जीते थे.
शूटर मनु भाकर ने ली थी ट्रेनिंग
देहरादून में निशानेबाजी का किस तरह इंफ्रास्ट्रक्चर है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ओलंपिक में पदक जीतने वाली शूटर मनु भाकर को भी देहरादून में आकर ट्रेनिंग लेनी पड़ी थी. पेरिस ओलंपिक में जाने से पहले उन्होंने पूर्व खिलाड़ी और कोच जसपाल राणा के साथ देहरादून में ही लंबा समय बिताया था. जसपाल राणा उनके साथ पेरिस ओलंपिक में भी साथ रहे थे. अब उनके भाई सुभाष राणा के नाम भी द्रोणाचार्य पुरस्कार का कीर्तिमान जुड़ जाएगा.
मुख्यमंत्री धामी ने सुभाष राणा को दी बधाई
बता दें कि जसपाल राणा और उनके भाई देहरादून के पौंधा में एक अकादमी चलाते हैं, जिसमें देश-दुनिया के कई खिलाड़ी ट्रेनिंग लेते हैं. केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा जारी की गई लिस्ट में सुभाष राणा का नाम आने पर परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित होने पर सुभाष राणा को बधाई दी है.
उत्तराखंड में आधारभूत ढांचा होगा तैयार
द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा ने बताया कि 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी हमारे लिए किसी सौगात से कम नहीं है. इस आयोजन के दौरान खेलों के लिए इतना बड़ा आधारभूत ढांचा उत्तराखंड में तैयार हो जाएगा, कि खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना पडे़गा. द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर उन्होंने कहा कि जब आपके काम को मान्यता मिलती है, तो स्वाभाविक तौर पर उत्साह बढ़ता है और खुशी मिलती है. 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड की मेजबानी को वह खेल विकास के लिए बहुत बडे़ अवसर के तौर पर देखते हैं.
उत्तराखंड से खेलने के लिए खिलाड़ी कर रहे संपर्क
द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा ने बताया कि ऐसे कई खिलाड़ियों ने उनसे संपर्क किया है. कई खिलाड़ी खेलों की अन्य फेडरेशन से भी संपर्क कर रहे हैं. यानी अब विभिन्न खेलों में अन्य प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर रहे कई खिलाड़ी अब उत्तराखंड से खेलने के इच्छुक हैं.
खिलाड़ी/कोच के रूप में ये हैं सुभाष राणा की उपलब्धियां
द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा के खाते में चार अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण और दो रजत पदक शामिल हैं. उन्होंने साल 1994 में इटली और साल 1998 में स्पेन में हुई विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लिया था. एक कोच के तौर पर उनकी उपलब्धियों की चर्चा करें, तो टोक्यो पैरालंपिक 2020 में शामिल हुई शूटिंग टीम को उन्होंने प्रशिक्षित किया था. इस टीम ने पैरालंपिक में पांच मेडल जीते थे. भारतीय पैरा शूटिंग टीम के वह लंबे समय तक प्रशिक्षक रहे हैं.