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प्रयागराज में महाकुंभ शुरू, हर तरफ बस जनसैलाब, लाखों की भीड़ का संगम तट पर पहुंचने का सिलसिला जारी

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प्रयागराज 13 जनवरी। पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ भव्य और दिव्य महाकुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है. सोमवार की तड़के से ही देशी-विदेशी लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. आज से ही 45 दिनों के कल्पवास की शुरुआत भी भक्त करेंगे. करीब 12 किमी एरिया के स्नान घाटों पर जबरदस्त भीड़ है. एपल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी प्रयागराज पहुंच चुकी हैं. निरंजनी अखाड़े में उन्होंने धार्मिक अनुष्ठान किया. 144 साल में पहली बार महाकुंभ में दुर्लभ संयोग बना है.

माघ मकरगत रबि जब होई, तीरथपतिहिं आव सब कोई…
प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान करने पहुंचे अयोध्या के पंडित पवन कुमार ने महाकुंभ स्नान की महिमा का बखान किया. उन्होंने कहा कि माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई॥ देव दनुज किंनर नर श्रेनीं। सादर मज्जहिं सकल त्रिबेनीं॥. यह तीर्थराज प्रयागराज है. उन्होने शास्त्रों में वर्णित महाकुंभ की महिमा का बखान किया.

सीएम योगी बोले- गौरवशाली परंपरा का बनें हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक है. यह आयोजन अनेकता में एकता की भावना को सजीव करता है. मां गंगा की पवित्र धारा में स्नान और साधना करने आए सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण हों. उन्होंने आगे कहा कि यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सनातन संस्कृति और परंपराओं के वैश्विक गौरव का प्रतीक भी है. महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं. आइए, महाकुंभ 2025 में सहभागी बनकर सनातन संस्कृति की इस गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनें. मां गंगा की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो.

संगम तट पर गूंज रहे भजन, भक्त आस्था में सराबोर, हर तरफ भक्ति का सैलाब
महाकुंभ में हर तरफ आस्था ही आस्था नजर आ रही है. ब्रह्ममुहूर्त 3.30 बजे से शुरू हुआ स्नान और दान का सिलसिला जारी है. बड़ी संख्या में भक्त संगम तट पर पहुंच रहे हैं. वहीं, स्नान करने के बाद बड़ी संख्या में भक्त शिविरों और गंतव्य को रवाना भी हो रहे हैं. इस दौरान भजन और जयकारे भी गूंज रहे हैं. भक्त भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं. मंजीरे के साथ ही ढोलक आदि बजाकर भजन गा रहे हैं. आस्था का यह सुंदर नजारा देखते ही बन रहा है.

कल होगा महाकुंभ का पहला शाही स्नान
कल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन महाकुंंभ में पहला अमृत स्नान है. अखाड़े मकर संक्रांति के दिन अमृत स्नान करेंगे. प्रशासन ने इसकी भी तैयारी पूरी कर ली है. संगम की ओर बल्लियां लगाई जा रहीं हैं. नागा साधु इसी रास्ते से दौड़ते हुए शाही स्नान के लिए जाएंगे. इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. पहला शाही स्नान भी इसी दिन है. खास बात यह है कि इस बार कोई भद्रा नहीं है, यह सुबह से शाम तक शुभ रहेगा. भारतीय ज्योतिष अनुसंधान परिषद की प्रयागराज चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. गीता मिश्रा त्रिपाठी ने बताया कि इस बार महापुण्यकाल की अवधि सुबह 9:03 बजे से 10:50 बजे तक रहेगी, जो 1 घंटा 47 मिनट होगी.

शाही स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5.27 से शुरू होगा. सुबह 5.27 बजे से 6.21 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2.15 बजे से 2.57 बजे तक होगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 5.42 बजे से 6.09 बजे तक रहेगी. इसी कड़ी में 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान हो रहा है. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सुबह 5.03 बजे से होगी.

144 साल बाद बना दुर्लभ संयोग
डॉक्टर गीता मिश्रा त्रिपाठी ने बताया कि महाकुंभ में 144 साल बाद दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है. मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाने वाला पर्व है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं. मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दौरान स्नान, दान, और तिल-गुड़ के सेवन से व्यक्ति पुण्य अर्जित करता है. शास्त्रों में मकर संक्रांति को तिल संक्रांति भी कहा गया है. इस दिन काले तिल, गुड़, खिचड़ी, नमक और घी का दान विशेष फलदायी माना गया है.

प्रमुख स्नान पर्व तिथि : 13 जनवरी 2025-पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी मकर संक्रांति (अमृत स्नान), 29 जनवरी मौनी अमावस्या (अमृत स्नान), 03 फरवरी बसंत पंचमी (अमृत स्नान), 12 फरवरी माघी पूर्णिमा (अमृत स्नान), 26 फरवरी महा शिवरात्रि.

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