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केदारनाथ में गूंजा बाबा केदारनाथ का जयकारा, धाम के कपाट खुलने के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

देहरादून .राजधानी देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उत्तराखण्ड में  केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। वही केदार धाम मंदिर के कपाट पुराने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले। बाबा के जय कारो से गुंजा केदारघटी। वही इस दौरान श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज बाबा केदारनाथ की जय उदघोष के साथ शुक्रवार वृष लग्न में प्रात: 6:25 am मिनट पर खुल गये है। इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आये 10 हजार से अधिक श्रद्धालुजन कपाट खुलने के गवाह बने। बता दे कि केदारनाथ बाबा के मंदिर के कपाट पिछले साल 6 नवंबर को छह महीने के लिए सर्दियों के लिए बंद कर दिए गए थे।

वही पीछले दो सालो कोरोना के चलते कम संख्या में कपाट खुले थे। वही दो साल बाद आज शुक्रवार 6 मई 2022 को उल्लास व धूमधाम आर्मी बैंड बाजो की धुनो के बीच 12वें ज्योतिलिंग बाबा केदारधाम के कपाट शुभ मुहूर्त  प्रातः 6.25 बजे विधि विधान व परम्परागत से खुल गए। इस मौके पर 10 हजार श्रद्धालुओं के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।  इससे पहले, गुरुवार को ही केदारनाथ में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा था।  बता दे कि उत्तराखण्ड में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित केदारनाथ मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे ‘चार धाम’ कहा जाता है जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ भी शामिल हैं।

आठवीं शताब्दी ईस्वी में जगद गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा निर्मित, केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। बता दे कि वार्षिक चारधाम यात्रा 3 मई 2022 को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 8 मई 2022 को खुलेंगे। इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार ने चार धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित किया है।

शुक्रवार को आज प्रात साढ़े चार बजे से श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने कपाटोद्घाटन की तैयारी शुरू कर दी थी। श्री केदारनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, आयुक्त गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, वेदपाठी आचार्यगणों ने मंदिर के पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया। पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ। श्री केदारनाथ धाम के रक्षक क्षेत्रपाल श्री भकुंट भैरव के आव्हान के साथ ठीक प्रात:6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के मुख्य द्वार के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलते ही श्री केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया। कुछ ही पल बाद बाबा के निर्वाण दर्शन हुए कुछ अंतराल में बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से पहला रूद्राभिषेक किया गया।

इस अवसर पर मंदिर को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया तथा समस्त केदारनाथ धाम में मराठा रेजीमेन्ट के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। दानीदाताओं ने भंडारे आयोजित किये हेली सेवा एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन धर्मस्व संस्कति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी है कहा कि श्री केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पष्कर सिंह धामी इस अवसर पर विशेष रूप से केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे है।

श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर श्री केदारनाथ मंदिर परिसर भक्तिमय भजनों से गुंजायमान हो रहा था।
इस अवसर पर प़कज मोदी पूर्व विधायक मनोज रावत,मंदिर समिति सदस्य क्रमश श्री निवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी,सज्जन जिंदल वीरेंद्र असवाल अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कृष्णनाथ गोस्वामी सहित मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आर. सी. तिवारी, गिरीश देवली, आरके नौटियाल, आचार्य ओंकार शुक्ला, यदुवीर पुष्पवान, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला डा. हरीश गौड़, अमित शुक्ला, विपिन तिवारी राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।

मिली ताजा जानकारी के मुताबिक गौरीकुंड से हजारों की संख्या में श्रद्धालु इससे पहले, गुरुवार 5 मई, प्रातः केदारनाथ धाम की तरफ बढ़े। भक्तों ने यहां से करीब 21 किलोमीटर की दूरी पैदल, घोड़े या पिट्‌ठू से पूरी की। सुबह 6 बजे शुरू हुई यात्रा शाम 4 बजे केदारनाथ धाम पर पूरी हुई। क्षमता से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जिसके बाद हजारों श्रद्धालुओं को गौरीकुंड पर रोक दिया गया। हालांकि, शुक्रवार सुबह सभी को केदारनाथ जाने की अनुमति दे दी गई।

आपको बता दे कि कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 2 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पैदल मार्ग से चलकर गुप्तकाशी,फाटा, गौरीकुंड होते हुए 5 मई शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंची थी आज 6 मई को प्रात: श्री केदारनाथ धाम के कपाट यात्राकाल ग्रीष्मकाल 6 माह के लिए खुल गये। शनिवार को भैरवनाथ जी की पूजा के पश्चात भगवान केदारनाथ जी की आरती शुरू हो जायेगी।

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