नई दिल्ली, 14 फरवरी। भारत की टीचर एजुकेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव लागू हो रहा है। कुछ दिन पहले एनसीटीई ने जानकारी दी थी कि देश में 10 साल बाद फिर से एक साल का बीएड कोर्स शुरू किया जा रहा है। इसके साथ-साथ एक साल का एमएड भी शुरू होगा। लेकिन ग्रेजुएशन करने वाला कोई भी व्यक्ति 1 ईयर बीएड कोर्स में एडमिशन नहीं ले पाएगा। इसके लिए एक शर्त लागू होगी।
1 साल का बीएड कब से शुरू होगा?
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने बताया है कि बैचलर ऑफ एजुकेशन यानी वन ईयर बीएड और मास्टर और एजुकेशन (वन ईयर एमएड कोर्स) की शुरुआत आने वाले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से की जाएगी। यानी 2026 में जो बीएड एडमिशन फॉर्म निकलेंगे, उसमें आपको एक साल का बीएड एमएड कोर्स में प्रवेश का विकल्प मिलना शुरू हो जाएगा।
1 Year M.Ed का फैसला क्यों?
एक साल का एम.एड. कोर्स फुल टाइम कोर्स होगा, जिसे रेगुलर मोड में चलाया जाएगा। जबकि दो साल का एमएड कोर्स का ऑप्शन उन लोगों के लिए खुला रहेगा जो नौकरीपेशा हैं और टीचर या एजुकेशन लीडर्स की जॉब जारी रखते हुए एमएड पूरा करना चाहते हैं।
इंडिया टुडे के अनुसार एनसीटीई चेयरमैन पंकज अरोड़ा ने कहा है कि ‘दो साल का एमएड कोर्स 2015 में शुरू किया गया था। लेकिन इससे शिक्षक ट्रेनिंग में खास फायदा नहीं हुआ। नए स्टूडेंट्स के बीच इसे लेकर जोश नहीं दिखा है। कई संस्थानों में सीटें खाली रह गईं। करिकुलम में भी जरूरी सुधार नहीं हो सके। अब नए एमएड कोर्स में रिसर्च और हैंड्स-ऑन कम्युनिटी एंगेजमेंट टास्क दोनों को शामिल किया जाएगा।’
1 Year B.Ed: कौन कर सकता है?
अगर आप एक साल का बीएड करना चाहते हैं, तो आपको ग्रेजुएशन में 4 ईयर यूजी प्रोग्राम चुनना होगा। लेकिन अगर आप 3 साल का ग्रेजुएशन कर चुके हैं, तो आपको पोस्ट ग्रेजुएशन करना होगा। यानी, 1 ईयर बीएड में एडमिशन के लिए आपके पास या तो 4 साल का ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए, या फिर मास्टर/ पीजी डिग्री।
अगर आपने 3 साल का ग्रेजुएशन पूरा किया है और पोस्ट ग्रेजुएट भी नहीं हैं, तो आप सिर्फ 2 ईयर बीएड कोर्स के लिए एलिजिबिल होंगे।