देहरादून, 22 फरवरी। शनिवार को उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के 5वें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के शुक्रवार को दिए पहाड़ मैदान के मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया. विपक्ष के विधायकों के बीच बदरीनाथ से विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि पहाड़ गाली सुनने के लिए नहीं बना है. ये कहकर अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने सदन में कागज फाड़ दिए.
मंत्री के बयान पर विधानसभा में खूब शोरशराबा
देहरादून में चल रहे उत्तराखंड बजट सत्र के पांचवें दिन की शुरुआत उसी हंगामे के साथ हुई जो चौथे दिन सदन में छोड़कर गए थे. कल नियम 58 पर हो रही एक चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पहाड़ मैदान के मुद्दे पर दिए गए वक्तव्य ने शाम होते-होते बवाल मचाया तो आज सदन शुरू होते सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या खड़े हो गए. उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री के पहाड़ को लेकर दिए बयान पर अपनी नाराजगी जताई. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री ने स्पष्ट तौर पर सदन में कहा कि जो शब्द कहा जा रहा है उन्होंने उसका प्रयोग नहीं किया था. इस बात पर सदन में हंगामा मच गया.
बहस के दौरान अकेले पड़ गये मंत्री प्रेमचंद, किसी ने नहीं दिया साथ
इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री अपना पक्ष रखने के लिए खड़े हुए तो वहीं उन्होंने अपने अन्य साथी मंत्रियों को भी अपने साथ खड़े होने के लिए कहा. लेकिन कोई भी मंत्री उनके साथ खड़ा नहीं हुआ. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बगल में धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल और सतपाल महाराज बैठे थे. लेकिन किसी ने भी संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पक्ष में खड़े होने की जहमत नहीं उठाई.
गैर भाजपा विधायकों ने प्रेमचंद को जमकर कोसा
वहीं इस दौरान निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ से आने वाले लोग देश के कई बड़े पदों पर हैं. यह पूरा राज्य उत्तराखंड के लोगों का है. इस दौरान उमेश कुमार ने संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को स्पष्ट तौर से कहा कि उनके द्वारा गलत शब्दों का प्रयोग किया गया है. उन्हें माफी मांगनी चाहिए. वहीं इस दौरान विपक्ष से कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह और उसके बाद बदरीनाथ के विधायक लखपत बुटोला ने अपनी बात रखी.
लखपत बुटोला ने आक्रोश में कागज फाड़े
लखपत बुटोला ने कहा कि क्या हम पहाड़ के विधायक गाली खाने के लिए इस सदन में आए हैं. उन्होंने सभी विधायकों से कहा कि वह अपने क्षेत्र में जाकर देखें तो उन्हें लोगों का आक्रोश पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता कह रही है कि तुम विधानसभा सदन में गाली खाने के लिए जा रहे हो. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी बेहद नाराज हुईं. उन्हें इतना गुस्सा आया कि वह कुर्सी से भी खड़ी हो गईं. उन्होंने बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला को कहा कि इस सदन को राजनीति का अड्डा ना बनाएं. अब इस मामले को शांत करें. इसके बाद भी बुटोला ने कहा कि यदि इस सदन में पहाड़ के लोगों को गाली दी जाएगी तो उन्हें ऐसे सदन में नहीं रहना है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि अगर आप ऐसा चाहते हैं तो सदन से बाहर जा सकते हैं. इस पर वो कागज फाड़कर सदन से बाहर जाने लगे और अपने दल से अलग बैठ गए.
वित्त मंत्री ने अपने बयान के लिए प्रकट किया खेद
बीते रोज सदन के भीतर दिए गए बयान पर वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने खेद प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार हैं। परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं है। सदन के भीतर उनके द्वारा कही गई बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है। मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी। मेरे बयान में सारे शब्द को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंची है उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।