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सनातन के अपमान पर होगी फांसी, जो विधर्मी भारत को तोड़ने आए उनका नामोनिशान मिटना चाहिए, बोले धीरेन्द्र शास्त्री

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मेरठ, 26 मार्च। बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री मेरठ में आयोजित ‘हनुमंत कथा’ में प्रवचन दे रहे हैं. जागृति विहार में मंगलवार से 5 दिवसीय हनुमंत कथा की शुरुआत हुई. कथा स्थल पर बुधवार को धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए एक बार फिर हिंदू राष्ट्र की आवाज बुलंद की.

सनतान धर्म ही तृतीय विश्व युद्ध से बचायेगा
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र के लिए मेरठ से क्रांति इसलिए जरूरी है, क्योंकि कुछ वर्ष पहले यहां पर किसी ने कहा था कि वह 45 या 42 फीसदी हैं, एक हो जाएं तो बोटी बोटी कर देंगे, जिसको सुनकर ह्रदय में दुःख उत्पन्न हुआ था. यह देश संविधान, हनुमान और सनातन धर्म से चलेगा. पूरे विश्व में सनातन धर्म एकमात्र ऐसा है, जो तृतीय विश्व युद्ध से बचा सकता है. देश को तोड़ने वाली सबसे बड़ी साजिश जातिवाद है. जातिवाद छोड़कर राष्ट्रवाद का अपनाना होगा.

हिंदू राष्ट्र में जाति और छुआ-छूत पर नहीं होगी राजनीति
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि हिन्दू राष्ट्र बनने के बाद सनातन धर्म पर अंगुली उठाना राष्ट्रद्रोह होगा. दंड की प्रक्रिया बदलेगी, हिन्दू राष्ट्र में सभी को रहने का अधिकार होगा. जिस तरह दुबई आदि में मुस्लिमों को प्राथमिकता मिलती है, ऐसे ही हिन्दू राष्ट्र बनने के बाद प्रथम प्राथमिकता सनातन पर्याय का होगा. हिन्दू राष्ट्र में गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा होगा. जात-पात, छुआ-छूत के नाम पर होने वाली राजनीति शून्य होगी. हिन्दू राष्ट्र में कोई तिरंगे का अपमान नहीं करेगा. भारत तेरे टुकड़े होंगे, ऐसा कोई नारा नहीं दे पाएगा. वंदे भारत बोलने से कोई कतराएगा नहीं.

हिंदुओं को जगाने के लिए निकालूंगा पदयात्रा
दिल्ली से वृंदावन तक प्रस्तावित पदयात्रा के बारे में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिन्दुओं को जगाने और एक करने, समाज को भेदभाव से दूर कर विचारों की क्रांति खड़ी करने के उद्देश्य से पदयात्रा निकाली जा रही है। यह उनकी दूसरी पदयात्रा है. ब्रज परिक्षेत्र में मांस-मदिरा पर प्रतिबंध हो, इसको लेकर सरकार के साथ-साथ लोगों के मन में ये संकल्प स्थापित करना ही इस पदयात्रा का उद्देश्य है.

चच्चे के तीस बच्चे क्यों?
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कहा कि सरकार चाहती है कि बच्चे दो ही अच्छे, लेकिन चच्चे के तीस बच्चे क्यों? इन सभी पर नियम लागू हो. भले ही बच्चे चार हों लेकिन कट्टर हिन्दू होने चाहिए. हम तलवारों से लड़ाई लड़ने की बातों पर विश्वास नहीं करते, हम न इतिहास मिटाने की बात कर रहे हैं. हम तो यही क्रांति करना चाहते हैं कि इंसानों में इंसानियत आए. देश शस्त्र और शास्त्र दोनों से चलेगा.

भगवान की कृपा है, मैं शादी से बचा हूं
चर्चित सौरभ हत्याकांड को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उस नीले ड्रम से हर पति सदमे में है. भगवान की कृपा है कि उनकी तो शादी ही नहीं हुई है. उन्होंने इस घटना को बेहद ही निंदनीय बताते हुए कहा कि वर्तमान समाज में बढ़ती पाश्चात्य सभ्यता और लव के चक्कर में पड़कर लोग परिवारों को मिटाने में लगे हैं. पश्चिमी सभ्यता, सीरियल और टीवी के चक्कर बीवियों को बर्बाद कर रहे हैं, लिहाजा अपने बच्चों को लोग रामचरित मानस का पढ़वाएं, तभी जीवन का सुधार होगा. संतानों को संस्कारवान बनाने के लिए प्रत्येक भारतीय को रामचरित मानस का आधार लेना आवश्यक है.

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