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दुःखद : नदी में नहाते वक्त 15 वर्षीय बालक की मौत।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।
चम्पावत :  नदी में नहाते वक्त 15  वर्षीय बालक की मौत देवीपुरा  मजगांव निवासी राहुल सिंह कुंवर  उर्फ  रोहित पुत्र श्री स्वर्गीय राजेंद्र सिंह कुंवर  अपने दो अन्य दोस्तों के साथ एक विवाह समारोह में गया था रास्ते में पढ़ने वाली जग बूढ़ा  नदी में तीनों दोस्तों ने नहाने का प्लान बनाया नहाते वक्त राहुल सिंह एक   १२ फीट के गहरे  कुंड मैं डूबने लगा साथियों द्वारा बहुत उसे बचाने का प्रयास किया गया लेकिन तैरना ना आने के कारण राहुल नीचे कुंड में समा गया.

 काफी देर  के बाद जब राहुल बाहर नहीं निकला तो उसके दोनों दोस्तों ने योजना बनाई कि  हम घरवालों से कहेंगे कि वह हमारे साथ था ही नहीं उसके कपड़े उठाकर कहीं और रख दिए और जूते उठाकर कहीं और रख दिए.

जब परिवार वालों को राहुल नहीं दिखाई दिया तो परिवार वालों ने  खोजबीन की तो उसके कपड़े और जूते देखकर अनहोनी होने की शंका से परिवार वालों ने इसकी सूचना नजदीकी पुलिस को दी.

पुलिस द्वारा और ग्रामीणों द्वारा पूछने पर इन दोनों दोस्तों ने राहुल को अपने साथ ना होने की जानकारी दी पुलिस द्वारा फिर इन दोनों को अलग अलग ले जाकर अलग अलग तरीके से पूछताछ की गई तो दोनों ने कबूल किया कि हम साथ साथ  धनुष पुल  शिव मंदिर के पीछे वाले कुंड में नहा रहे थे तभी अचानक राहुल उस कुंड से बाहर नहीं निकला हमने उसे बचाने का बहुत प्रयास किया लेकिन वह बाहर नहीं निकला तो हमने घबरा कर यह योजना बनाई   कि हम उसके साथ थे ही नहीं बोलेंगे उसके बाद बनबसा बैराज चौकी इंचार्ज हेमंत कोठायत के साथ-साथ टनकपुर सीओ  अविनाश वर्मा भी मौके पर पहुंचे उसके बाद एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया.

एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ऑक्सीजन गैस के सहयोग से कुंड के भीतर प्रवेश कर एनडीआरएफ की टीम शव को बाहर निकालने में कामयाब हुई.

बनबसा बैराज  चौकी इंचार्ज हेमंत  कटॉयत द्वारा शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.

राहुल अपने परिवार मे सबसे छोटा था राहुल का परिवार बेहद गरीब अंतोदय की श्रेणी  का परिवार है .

आइए अब हम राहुल के साथ  की घटना और राहुल के पिता के साथ की घटना बताते हैं जो घटना सभी के दिलों को झकझोर कर रख देगी और भगवान के इस अन्याय को देख आपकी आंखों में भी आंसू निकल आएंगे.

5 दिसंबर 2007 ठीक इसी प्रकार एक विवाह समारोह से लौटते वक्त धनुष पुल के समीप राहुल के पिता स्वर्गीय  राजेंद्र सिंह  भी इसी प्रकार शारदा नहर में डूब कर मृत्यु  हो  गई थी और उस वक्त राहुल अपनी मां की कोख मैं   सिर्फ    ढाई माह का था .

सोचने वाली बात है कि उस मां ने इस बालक को किस प्रकार अपने पति को खोने के बाद मेहनत मजदूरी करते हुए इसे अपने गर्भ में पाला और आज जब यह नन्हा सा पौधा पेड़ बनने लगा ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार पिताजी विवाह समारोह से आते वक्त जल में समा कर मृत्यु को प्राप्त कर गए उसी प्रकार अपनी पिता की मृत्यु स्थल से ५० मीटर की दूरी में यह भी एक विवाह समारोह से आते वक्त जल में समा कर मृत्यु को प्राप्त कर गया.

इस घटना से समस्त देवीपुरा मजगांव में शोक की लहर दौड़ी है और कुदरत के इस अन्याय को देख सभी की आंखों से आंसुओं की कल धारा बह रही है.

७० वर्षीय दादी बची देवी जो पहले बेटे को खो चुकी है आज बेटे को   नाती  के रूप में देख रही थी राहुल की मां ईश्वरी देवी  जिसने पहले अपनी भरी जवानी में पति को खोया फिर कमरकस मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चे को बड़ा किया और आज मझधार में छोड़ कर चला गया.

दादी और मां के साथ-साथ बड़ा भाई प्रेम सिंह कुंवर, चाचा खड़क सिंह,  चाची देवकी देवी का रो रो कर बुरा हाल है  घर की स्थिति यह है टीन सेट की झोपड़ी यदि बारिश आ जाए तो बाढ़ टूट कर पानी घर के अंदर समा जाता है.

अंतोदय श्रेणी में रहने वाला यह परिवार आज कुदरत की इस बड़ी मार को झेल रहा है.

ग्राम प्रधान दीपक प्रकाश चंद शिक्षक,  गोपाल चंद, पड़ोसी बृज मोहन जोशी, हेम जोशी  सभी क्षेत्र वासियों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है जिससे कि इस परिवार की कुछ मदद हो सके.

आज समूचे मजगांव देवीपुरा गांव में शोक की लहर दौड़ी हुई है यदि  राहुल के दोनों दोस्त समय पर सूचना दे देते तो शायद आज राहुल की मृत्यु नहीं होती लेकिन बच्चों के दिमाग ने काम नहीं किया और यह अनहोनी घटना हो गई.

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