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प्रभुपाल सिंह रावत बतमीज और दलाल है, विधायक रिखणीखाल।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

रिखणीखाल : रिखणीखाल प्रखंड से एक ऑडियो वायरल हो रहा है कि प्रभुपाल सिंह रावत जो मूल गाँव ग्राम नावेतल्ली,रिखणीखाल के है तथा वर्तमान में देहरादून में निवासरत हैं।68 वर्षीय पूर्व सैनिक प्रभुपाल सिंह रावत अपने मूल गाँव वर्षभर में तीन-चार बार आते जाते रहते हैं।वे एक पूर्वसैनिक पेन्शनर है उनका अन्य कोई पेशा धन्धा नहीं है।वे स्वयं पर आश्रित व सम्पन्न हैं,लेकिन इस 68  वर्षीय वृद्ध पूर्व सैनिक को बतमीज व दलाल घोषित किया जा रहा है।

वै लगभग 2017 से अपने रिखणीखाल क्षेत्र में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता है,वे इस क्षेत्र की सभी छोटी बड़ी समस्याओं से सोशल मीडिया के माध्यम से शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को अवगत कराकर प्रचार प्रसार करते रहते हैं।उनके इस तरह क्षेत्र में सक्रिय होने से माननीय विधायक जी को परेशानी है,क्योकि उन्हें ऐसी खबरे चलने से शर्मिन्दगी झेलनी पड़ती है।

अभी सोशल मीडिया में एक ऑडियो तेजी से खूब वायरल हो रहा है जिसमें माननीय विधायक लैंसडौन महन्त दिलीप सिंह रावत और जितेन्द्र सिंह रावत मूल निवासी ग्राम नावेतल्ली वर्तमान निवास रामनगर में रहते है,जो कि दिनांक 02 जून,2022 का है।जिसमें विधायक जी ये कहते सुने जा रहे हैं कि प्रभुपाल सिंह रावत बतमीज और दलाल है।

अब उनका कहना है कि मैने अभी तक कभी विधायक जी से न फोन किया न कभी मुंह के सामने मिलन हुआ।अगर मैने अपने गाँव व क्षेत्र के लिए कोई समस्याओं को उजागर करता हू,क्या यही बतमीजी व दलाली है।क्या कोई मांग उजागर करना अपराध की श्रेणी में आता है।ये भी कहते सुने जा रहे हैं कि आपकी सड़क चार पांच साल तक उसी की वजह से रोक रखी थी।मेरा सड़क बनाने का बिल्कुल भी इच्छा नहीं थी।

क्या एक विधायक जी को ये बातें सोशल मीडिया में बोलना शोभनीय है ?
सिद्धबली पीठ के महन्त को ऐसी तुच्छ,अभद्र भाषा में बात करना,क्या ये उनके पद व गरिमा को शोभनीय देता है।वे ये बताये उनके साथ क्या बतमीजी व दलाली हुई।जो ये ऑडियो में सुनाई दे रहा है कि बतमीज , दलाल है।न मैं कोई जमीन-जायदाद का लेन देन,न वेश्यावृति,न व्यापार,न चोरी डकैती आदि में लिप्त हूँ।वे क्षेत्रीय समस्याओं को उजागर करने से व्यथित हैं।मै किसी का गुणगान,चापलूसी आदि नहीं करता,इसीलिए बतमीज साला,दलाल आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है।क्या वे एक आदमी के बतमीज व दलाल होने से किसी गाँव के दो सौ लोगों की सड़क रोक सकते हैं? क्या वे अपने निजी उपार्जित धन से सड़क निर्माण करते हैं।जरा इन शब्दों पर चिन्तन व मंथन करे।
हालांकि हम इस ऑडियो मे आ रही आवाज को महंत दलीप रावत के होने की पुष्टि नहीं कर सकते परन्तु यदि ये आवाज विधायक की ही है तो ये जनता से चुने जनप्रतिनिधि के लिए बहुत ही शर्मनाक है.

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