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जनपद देहरादून में डेंगू/मलेरिया की रोकथाम एवं बचाव के सम्बन्ध में जनजागरूकता अभियान चलाये जाने हेतु देहरादून जिलाधिकारी डाॅ. आर राजेश कुमार द्वारा दिए गए दिशानिर्देश।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

 

 

देहरादून जनपद देहरादून में डेंगू/मलेरिया की रोकथाम एवं बचाव के सम्बन्ध में जनजागरूकता अभियान चलाये जाने हेतु देहरादून जिलाधिकारी डाॅ. आर राजेश कुमार द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में।   जनपद देहरादून मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मनोज कुमार उप्रेती ने डेंगू मलेरिया के लक्षण बचाव के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए अवगत कराया कि

इस दौरान  जनपद देहरादून  के (CMO)  मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 मनोज उप्रेति ने अवगत कराया कि  डेंगू बुखार एक प्रकार के मच्छर के काटने से फैलने वाला वायरल बुखार है मच्छर एक वैक्टर है और इसके द्वारा फैलने वाली बिमारी को मच्छर जनित रोेग कहते है। डेंगू सभी मच्छरों के काटने से नही फैलता है। संक्रमित एडीज ईजिप्टाइ और एडीज एल्बोपिक्टस नामक मादा मच्छर के काटने से यह फैलता है। डेंगू मच्छर की पहचान । Aedes Mosquito  के षरीर पर काले व सफेद रंग की पट्टियाॅ होती है।

इसे टाईगर मच्छर भी कहते है। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटते है। एडिज मच्छर एकत्रित साफ व स्थिर पानी में पनपता है । अगर किसी व्यक्ति को डेंगू का संक्रमण है और एडिज मादा मच्छर उस संक्रमित व्यक्ति से खून पीता है तो मच्छर डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है तथा यह संक्रमित मच्छर जब किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति डंेगू के वायरस से संक्रमित हो जाता है ।

इस प्रकार यह चक्र चलता रहता है। एडीज मच्छर पनपने के स्थान। बर्तन, पानी की टंकी रूम कूलर फूल दान टूटी फूटी बोतलें नारियल का खोल गमले टंकी के ढक्कन का किनारा पुराने टायर्स व डिब्बे आदि यहाॅ तक कि पत्तियों में भी अगर एक सप्ताह तक पानी ठहरा हो तो यह मच्छर आसानी से पनप सकता है अधिकांषतः यह मच्छर घर के अन्दर ही रहता है तथा दिन के समय काटता है। डेंगू वायरस चार प्रकार के होते है  DEN1,DEN2,DEN3,DEN4 डेंगू बिमारी एक ऐसा बुखार है जिसे महामारी के रूप मंे देखा गया है।

वयस्कों की तुलना में बच्चों में इस बिमारी की तीव्रता अधिक होती है तथा डेंगू उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। स्ंाक्रमित मच्छर द्वारा स्वस्थ्य व्यक्ति को काटने एवं व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट होने की अवधि को संक्रमण काल कहते हंै। यह 3-14 दिनों तक होता है। डेंगू बुखार तीन प्रकार का होता है, जिनमें डेंगू साधारण बुखार ,.डेंगू हॅमरेजिक बुखार,.डेंगू षाॅेक सिन्ड्रोम। डेंगू साधारण बुखार में .ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढना, मांसपेषियों तथा जोडों में दर्द होना इसी कारण इसे हडडी तोड बुखार भी कहते हैं।,आॅखों के पिछलेे भाग में दर्द होना जो आॅखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ जाता है,अत्याधिक कमजोरी लगना, भूख न लगना,गले में दर्द होना, षरीर पर लाल चकते आना,.साधारण डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती है और रोगी स्वयं ठीक हो जाता है।

डेंगू हॅमरेजिक बुखार यदि साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ त्वचा पर गहरे नीले काले रंग के छोटे या बडे चकत्ते पड जाना,.नाक मसूढों से खून आना आदि रक्स्राव (हैमरेजिक बुखार) के लक्षण है। डेंगू शौक  सिनड्रोम  इस प्रकार के डेंगू बुखार में हैमरेजिक बुखार के लक्षणों के साथ कुछ और लक्षण भी प्रकट हो जाते है जैसे रोगी अत्यधिक बेचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद भी उसकी त्वचा ठंडी महसूस होती है,.रोगी धीरे-धीरे होष खोने लगता है,.यदि रोगी की नाडी देखी जाए तो वह तेज और कमजोर महसूस होती हैं। रोगी का रक्तचाप  कम होने लगता है।

उपचार! साधारण डेंगू बुखार स्वंय ठीक होने वाला रोग है इसका उपचार लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है। वही इस बुखार के लिए पेरासिटामॉल की गोली ही सुरक्षित है। साथ ही रोगी को डिस्प्रिन/एस्प्रिन कदापि न दें। साथ ही सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें व अधिक पानी पिलायें, रोगी को आराम करने देें। यदि रोगी में  डेंगू  हैमरेजिक बुखार, डेंगू शौक सिन्ड्रोम की ओर संकेत करने वाला एक भी लक्षण प्रकट होता नजर आए तो रोगी को शीघ्र निकटतम अस्पताल में ले जाए ताकि वहॉ आवष्यक परीक्षण करके रोग का सही उपचार किया जा सके। वही डेंगू हैमरोजिक बुखार-डेंगू शौक सिन्ड्रोम DHF /DSS    होने पर डाक्टर की राय एवं आवश्यकतानुसार ही प्लेटलेट चढायें जाते हैं। यह भी याद रखने योग्य बात है कि डेंगू बुखार के प्रत्येक रोगी की प्लेटलेट चढाने की आवश्यकता नही होती है।   मलेरिया बुखार मलेरिया बुखार मादा एनाफिलीज नामक मच्छर के काटने से फैलता है।

उन्होंने डेंगू/मलेरिया सें बचाव के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि  डेंगू का अभी तक न कोई टीका विकसित नही हुआ है और ना ही कोई विशेष  दवा तैयार हुई है। चूॅकि डेंगू एक वायरल संक्रमण है। और ये बिमारी मच्छर द्वारा फैलती है। घर  की बेकार वस्तुएं एवं कूडा .करकट इधर.-उधर ना फेंके। गढ्ढों को पूरी तरह भर दे तथा नालियों को साफ रखें उनमें पानी न रूके तथा पानी का बहाव सही प्रकार से हो। यदि आस.पास भरा हुआ पानी को हटाना आसान न हो तो उसमें थोडा केरोसीन, मोबील ऑयल डालें। साथ ही घर की खिडकियों  व दरवाजों पर महीन जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें। वही, पूरी बॉहों वाले  कपड़े, ऐसे कपडे जिससे षरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहे, पहनें। मच्छरों को भगाने व मारने के लिए मच्छर नाषक क्रीम एस्प्रे, मैट्स, कॅाइल्स आदि प्रयोग करें। मच्छरदानी लगाकर सोयें।

यदि आपको लगता है कि आपके क्षेत्र में मच्छरों की संख्या में अधिकवृद्धि हो गयी है या फिर बुखार से काफी लोग ग्रसित हो रहे हैं तो अपने स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र नगर निगम, नगरपालिका परिषद, कन्टोन्मेन्ट बोर्ड या पंचायत केन्द्र मे अवष्य सूचना दें। डेंगू मलेरिया बुखार की जॉच सभी राजकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क की जाती है।

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