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चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ ने किया कार्यबहिष्कार, दिया धरना।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

टिहरी। जिला प्रशासन पर अनावश्यक विलंब और नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ जिला टिहरी गढ़वाल ने 8 अगस्त को कार्यबहिष्कार किया। अगर पूरे प्रकरण की बात करें तो उत्तराखंड चतुर्थवर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष टिहरी गढ़वाल के स्थानांतरण को निरस्त किए जाने के संबंध में जिलाधिकारी टिहरी को 3 अगस्त को एक पत्र दिया गया था जिसमें जिलाध्यक्ष का स्थानांतरण नियमों के विपरीत मुख्यालय से बाहर किया जाना बताया गया है। इसके संबंध में जिलाधिकारी से महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की भेंट वार्ता भी की गई थी जिस पर जिलाधिकारी द्वारा आवश्यक अभिलेख मांगे गए थे जो महासंघ द्वारा तुरंत उक्त समय पर ही उपलब्ध करा दिए गए थे और कथित रूप से प्रतिनिधिमंडल को स्थानांतरण निरस्त किए जाने का आश्वासन भी दिया गया था जिसका जिक्र महासंघ के पत्रांक नंबर 12 दिनांक 3 अगस्त में उल्लेखित भी है।
इसी कड़ी में 2 सप्ताह से ज्यादा समय बीत जाने पर एक बार फिर प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिला अधिकारी से वार्ता की गई। उक्त मामले पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी द्वारा महासंघ को अपर जिलाधिकारी से वार्ता करने हेतु निर्देशित भी किया गया जिस पर प्रतिनिधिमंडल अपर जिलाधिकारी से भी मिला और अपर जिलाधिकारी द्वारा कथित रूप से प्रतिनिधिमंडल को न्याय उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था जिसके उपरांत महासंघ के जिलाध्यक्ष को कुछ सूचनाएं तत्काल मांगी गई जिस पर जिलाध्यक्ष द्वारा तत्काल उसी दिन प्रस्तुत भी करवा दी गई थी। महासंघ का आरोप है कि प्रतिनिधि मंडल द्वारा प्रथम भेंट वार्ता के दौरान ही उक्त सभी सूचनाएं महोदय को उपलब्ध करा दी गई थी जिसको लेकर महासंघ ने उक्त प्रकरण पर सकारात्मक कार्रवाई ना होने पर अनावश्यक प्रकरण को विलंब करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद महासंघ की जिला कार्यकारिणी विभागीय घटक संघ के पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श बैठक हुई और रोष व्यक्त करते हुए महासंघ के अध्यक्ष के स्थानांतरण और अनावश्यक विलंब को लेकर महासंघ और महासंघ के घटक संघो ने 8 अगस्त से कार्य बहिष्कार का फैसला लिया है।

इस पूरे प्रकरण में महासंघ के प्रतिनिधि मंडल द्वारा चार दौर की वार्ताएं जिलाधिकारी टिहरी और अपर जिलाधिकारी टिहरी के साथ की गई जिसमें कथित रूप से आश्वासन दिया गया लेकिन अनावश्यक विलंब और अनदेखी का आरोप लगाते हुए कार्य बहिष्कार का फैसला लिया गया है महासंघ द्वारा पत्रांक संख्या 12 दिनांक 3 अगस्त और पत्रांक संख्या 13 दिनांक 6 अगस्त को जिला प्रशासन के साथ संपर्क साधने की और निस्तारण की पहल की गई थी लेकिन किसी प्रकार का कोई हल और निस्तारण ना होने के कारण पूर्व नियोजित और पत्रांक संख्या 12 में उल्लेखित निस्तारण न होने की दशा में कार्य बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है। उत्तराखंड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ के संदर्भ पत्रांक आदि में जिलाध्यक्ष का नियमों व शासनादेशों के विपरीत स्थानांतरण को गलत बताया गया है तथा जिला प्रशासन से निस्तारण संबंधी निवेदन किया गया है पत्रांक संख्या तेरह में दो अन्य कर्मचारियों की परिस्थितियों और समस्याओं के बारे में उल्लेखित करते हुए जिलाधिकारी के नाम स्थानांतरण संबंधी आदेशों को निरस्त करने का एक बार फिर निवेदन किया गया और अपर जिलाधिकारी के साथ हुई वार्ता के बाद कार्य बहिष्कार का फैसला लिया गया। अब देखना यह होगा कि देशव्यापी और प्रदेश सरकार द्वारा हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है लेकिन इसी के बीच जिला प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की नाराजगी किस हद तक संभावनाओं को जन्म देगी। यह प्रकरण काफी समय से चर्चा में है लेकिन किसी प्रकार का निष्कर्ष और समाधान ना होने के कारण आज उत्तराखंड चतुर्थवर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ जिला टिहरी गढ़वाल और विभागीय घटक संघों ने कार्य बहिष्कार का फैसला लिया है।

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