Advertisement Section

सरकार नए जिलों को लेकर करेगी जन संवाद

Read Time:2 Minute, 57 Second

श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

देहरादून। उत्तराखंड सरकार नए जिलों के गठन को लेकर जल्द जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने के साथ जनता का सुझाव लेने जा रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह संकेत दिए हैं। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में लंबे समय से नए जिलों के गठन की मांग चली आ रही है।
इसके तहत, ऋषिकेश, पुरोला, रूड़की, कोटद्वार, काशीपुर, रानीखेत व डीडीहाट शहरों पर विचार किया जा रहा है। कहा कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है और जल्द ही इसके लिए जनता से सुझाव भी लिए जाएंगे। उन्होंने संकेत दिया कि गढ़वाल में चार तो कुमाऊं मंडल में तीन नए जिले बन सकते हैं। सीएम धामी ने कहा कि कहां-कहां जिलों का पुनर्गठन हो सकता है और आवश्यकता क्या है, इसी पर जनता के साथ राय मशविरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी के ताजा बयान के बाद एक बार फिर उत्तराखंड में नए जिलों के गठन पर बहस छिड़ गई है।
15 अगस्त, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सबसे पहले उत्तराखंड में चार जिले बनाने का ऐलान किया था। इनमें यमनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत और डीडीहाट शामिल थे। निशंक की विदाई के बाद बीसी खंडूड़ी सरकार ने इसका जीओ भी जारी किया था। कांग्रेस की विजय बहुगुणा सरकार ने नए जिलों को लेकर राजस्व परिषद अध्यक्ष की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अपने प्रांरभिक रिपोर्ट में संस्तुति भी की लेकिन नए जिलों के गठन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। मार्च, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को तीसरी कमिश्नरी बनाने की घोषणा थी। इसमें चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा ओर बागेश्वर जिले को शामिल किया गया था। इसके बाद अल्मोड़ा को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल करने को तीखा विरोध शुरू हो गया। इस बीच त्रिवेंद्र रावत की भी विदाई हो गई और तीरथ रावत के सीएम बनने के बाद यह मसला भी दबा दिया गया।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post भाजपा कार्यकर्ताओं पर आधारित पार्टीः महेंद्र भट्ट
Next post प्रदेश में किडनी के 1.55 लाख मरीजों ने लिया मुफ्त डायलिसिस