Advertisement Section

निजी सचिव द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से अनुमोदन देने का है मामला

Read Time:2 Minute, 39 Second

 

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं  जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हाल ही में लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज द्वारा अपने निजी सचिव के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी, जिसमें इनके सचिव द्वारा एजाज अहमद को प्रमुख अभियंता, लोनिवि बनाए जाने संबंधी पत्रावली पर मंत्री से अनुमोदन लेने के बजाए खुद अनुमोदन देकर इनके डिजिटल हस्ताक्षर किए गए थे। सवाल यह उठता है कि क्या विभागीय मंत्री की मौन स्वीकृति से निजी सचिव द्वारा ऐसा कृत्य किया गया या किसी अपरिहार्य विवाद के चलते बाद में डिजिटल हस्ताक्षर को नकार दिया गया। नेगी ने कहा कि विभागीय मंत्री की कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ’पूर्ववर्ती कार्यकाल में सिंचाई मंत्री रहते हुए इनके द्वारा विभागीय अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की गई थी कि आप मुझे ताक पर क्यों रख रहे हैंष्’ यानी अधिकारी उनसे लेना सलाह लेने या अनुमोदन लेने तक गवारा नहीं समझते थे। मंत्री श्री महाराज की अनुभवहीनता एवं निकम्मेपन को इस बात से भी समझा जा सकता है कि इनके द्वारा पूर्व में अपने दायित्व का कार्य विभाजन कर 2-4 मामले अपने पास रख कर सभी मामलों के अधिकार संबंधित अधिकारियों को सौंप दिए थे, जिसके चलते अधिकारी मनमानी करने से बाज नहीं आते थे यानी महत्वपूर्ण मामलों में भी इनको नजरअंदाज कर दिया जाता था। नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि बेहतर होगा कि महाराज मंत्री पद छोड़ भक्ति में ध्यान लगाएं। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि डिजिटल हस्ताक्षर प्रकरण में किसी रिटायर्ड सीनियर आईएएस से जांच कराएं। पत्रकार वार्ता में के.सी. चंदेल व अमित जैन मौजूद थे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post यूकेडी ने लगाया सरकार पर भूमफिया के लिए गरीबों को परेशान करने का आरोप 
Next post किसानों के लिए जीएसपी क्रॉप ने सीटीपीआर उत्पाद हेलीप्रो व बैलट लॉन्च किए