जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को
देहरादून। झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिले में जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थ 20 जैन तीर्थंकरा और अनंत कोटा कोटी, संतों की मोक्षस्थली श्री सम्मेद शिखर के नाम से विश्व में विख्यात है। आज वो राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र की श्रेणी में आने से विश्व के अल्पसंख्यक जैन समुदाय की धार्मिक भावनायें आहत हुई हैंं। यह अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ घोर अन्याय है। इसी क्रम में सम्पूर्ण जैन समाज के प्रमुख संत एवं जैन अल्संख्यक समाज के लोग अब झारखण्ड राज्य सरकार और केन्द्रीय वन मंत्रायल द्वारा जैन समाज के प्रसिद्ध जैन तीर्थराज सम्मेद शिखर को वन्य जीव अभयारण्य का हिस्सा बताने और पर्यावरण पर्यटन की अनुमति देने की घोर चिंता और आक्रोश के चलते दिल्ली लाल किला मैदान में देशव्यापी श्री सम्मेद शिखर बचाओ आंदोलन, विशाल धर्म सभा एवं रैली का आयोजन भारतीय जैन मिलन के आह्वान पर 18 दिसम्बर को होगी।
भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष नरेश चन्द जैन ने बताया कि दिल्ली में होने वाले इस देशव्यापी आंदोलन में देशभर से जैन समाज के संतों के साथ जैन अल्पसंख्यक समाज के लोग इकट्ठा होंगे। जैन समाज में सम्मेद शिखर को तीर्थराज का दर्जा हासिल है। सरकार के इस गलत फैसले से तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता नष्ट होने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि इस समय तीर्थराज सम्मेद शिखर क्षेत्र पर लगातार भारी संख्या में पेड़ों का कटान चल रहा है। वहा पर मांस और मदिरा की बिक्री लगातार बढ़ रही है। सरकार के इस फैसले के बाद जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ पर अब सभी अनुचित कार्य हो रहे हैं, जिनका जैन समाज के लोग घोर विरोध व निंदा करते है। जैन समाज, पर्यावरण प्रेमियों, ऐतिहासिक धरोहरों व इतिहास प्रेमियों, धर्म के रक्षकों व संस्कृति के रक्षकों से जैन तीर्थ को बचाने के लिए 18 दिसम्बर को नई दिल्ली के ऐतिहासिक लालकिला मैदान में होने वाले श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आन्दोलन को तेज करने सहित विशाल धर्मसभा व रैली में पहुंचने का आह्वान किया। तीर्थराज सम्मेद शिखर के संरक्षण, उसके अस्तित्व एवं पवित्रता और स्वतंत्र पहचान के लिए चल रहे देशव्यापी आंदोलन का समर्थन करते हुए कार्यक्रम के मुख्य संयोजक जैन भवन देहरादून के मंत्री संदीप जैन ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा शिखर जी तीर्थ को पर्यटन केन्द्र बनाए जाने का निर्णय तीर्थ की पवित्रता एवं प्राचीनता नष्ट करने के साथ-साथ उसके अस्तित्व पर कुठाराघात है। झारखण्ड और केन्द्र सरकार के फैसले से जैन अल्पसंख्यक समाज में भारी आक्रोश देहरादून में 20 दिसम्बर को 11 बजे एक रैली के रूप में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति जी को ज्ञापन भेजा जायेगा। केन्द्रीय महिला संयोजिका मधु जैन ने बताया कि यह निर्णय अहिंसक और अल्पसंख्यक जैन समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला भी है। अतः इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि इस क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र घोषित किया जाए। जैन समाज के अध्यक्ष विनोद जैन, महामंत्री राजेश जैन श्वेताम्बर जैन समाज के अध्यक्ष अरूण जैन, जैन भवन के अध्यक्ष सुनील जैन ने भी सभा को सम्बोधित किया। इस मौके पर सचिन जैन, पंकज जैन, विपिन जैन, अल्का जैन, मोनिका जैन, मुकेश जैन, प्रदीप जैन आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।