नैनीताल। इस वर्ष कम बारिश और ओलावृष्टि न होने से नैनीझील के जलस्तर पर भी प्रतिकूल असर दिखाई दे रहा है। नैनीझील का जलस्तर अपने उच्चतम मानक से करीब चार फीट नीचे है।
नैनी झील यहां आने वाले सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहती है। बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी इसके मुख्य स्रोत हैं। इसके अलावा इनसे उत्पन्न प्राकृतिक जल स्रोतों से ही झील को पानी मिलता है। यूं तो झील की गहराई करीब 26 मीटर हैं लेकिन ब्रिटिश शासन के दौर से यहां झील के निकासी द्वार के पास लगे 12 फीट के मानक को इसका उच्चतम स्तर माना गया है। 12 फीट की तलहटी को शून्य स्तर माना जाता है, क्योंकि इसके बाद निकासी स्वयं समाप्त हो जाती है। नैनीझील के भूमिगत जल स्रोत में लगे ट्यूबवेल के माध्यम से नगर को पानी की आपूर्ति की जाती है। नगर की 8 एमएलडी की जरूरत पीक सीजन में 16 एमएलडी या कुछ अधिक पहुंच जाती है। नगर को जलापूर्ति के बाद नैनीझील के जलस्तर में प्रतिदिन आधा इंच, जबकि ग्रीष्म सीजन में एक से डेढ़ इंच की कमी हो जाती है।
इस वर्ष कम बारिश और ओलावृष्टि न होने से नैनीझील के जलस्तर पर प्रतिकूल असर ।
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