Advertisement Section

अंकारा: तुर्की और सीरिया सहित चार देशों में भूकंप ने भारी तबाही,2500 से ज्यादा लोगों की मौत

Read Time:5 Minute, 18 Second

अंकारा: तुर्की और सीरिया सहित चार देशों में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। तुर्की में नूर्दगी से 23 किलोमीटर पूर्व की ओर यह झटके महसूस किए गए। इसका असर सीरिया तक देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक, भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गईं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। तुर्की में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।
जानकारी के मुताबिक, तुर्की और सीरिया में कम से कम 2500 लोग मारे गए हैं और करीब 5000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। देश के उपराष्ट्रपति फिएट ओकटे का हवाला देते हुए बताया रिपोर्ट में बताया गया कि 10 शहरों में 1,700 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। वहीं, सीरिया में कम से कम 783 लोग मारे गए और 639 घायल हो गए। इस्राइल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका जताई जा रही है।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के झटके दूर सीरिया तक महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मानें तो भूकंप की वजह से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया। हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा को एक साथ जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ पार कर लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप की घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि तुर्की में भूकंप के कारण जनहानि और संपत्ति के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायल जल्द स्वस्थ हों। भारत तुर्की लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी से निपटने के लिए हर संभव सहायता देने को तैयार है।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद भारत सरकार ने भूकंप प्रभावित तुर्की को मदद भेजने का फैसला किया है। भारत तुर्की को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल( NDRF) का खोज एवं बचाव दल, चिकित्सा दल और राहत सामग्री भेजेगा। सरकार की ओर से इस संबंध में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि पीएम मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में एक बैठक की और वहां निर्णय लिया गया। निर्णय के मुताबिक, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। साथ ही मेडिकल टीमों को आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ तैयार किया जा रहा है। ये राहत सामग्री तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के समन्वय से भेजी जाएगी।
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post डॉ. धन सिंह रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की मुलाकात,
Next post केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से मिले कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत एनसीईआरटी नई दिल्ली के विद्या समीक्षा केन्द्र का किया भ्रमण