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हल्दी में हाइड्रोपोनिक तकनीक द्वारा पालक की खेती कर किया इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज

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नैनीताल। उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद्, हल्दी में हाइड्रोपोनिक तकनीक द्वारा पालक की खेती का उत्पादन कर अपना नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज करा दिया है। 27 जून 2023 को उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद्, हल्दी में नैशनल कॉन्फैन्स ऑन बायोटैक्नोलॉजिकल इंटरवेन्शन इन एनीमल प्रोडक्शन एण्ड मैनेजमेंट में यह सम्मान डॉ. शिव प्रसाद किमोठी, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल एएसआरबी के सदस्य, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार तथा डाल चन्द्र क्षेत्रीय संगठन मंत्री अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, उत्तर क्षेत्र तथा प्रायोजक संस्था फाउंडेशन के चेयरमैन कौशल कुमार द्वारा उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद् के निदेशक प्रो. संजय कुमार एवं परिषद के वैज्ञानिक व परिषद् के वाह्य शोध केन्द्र पटवाडांगर (नैनीताल) के प्रभारी डॉ. सुमित पुरोहित को नैशनल कॉन्फेन्स में सम्मानित किया गया। इससे पूर्व उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् के निर्देशक प्रो. (डा0) संजय कुमार एवं वैज्ञानिक डा0 सुमित पुरोहित द्वारा हाइड्रोपोनिक विधि से सबसे लम्बी पालक (30 से0मी0) उगा कर उन्हें एशियन वर्ल्ड रिकॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
इन्टरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेन्स की ओर से प्रमाण-पत्र मेडल द्वारा सम्मानित किया गया। डा. सुमित पुरोहित ने बताया कि उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् के निदेशक प्रो. संजय कुमार के मार्गदर्शन में यह संभव हो पाया है। डॉ. सुमित पुरोहित ने यह भी बताया कि हाइड्रोनिक विधि से विकसित पालक में लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्व विद्यमान हैं। इन 13 तत्वों को पानी में मिलाया जाता है तथा पानी का पीएच मान 5.8-6 तक रखा जाता है। जिसके फलस्वरूप इस प्रकार की उन्नत तथा पौष्टिक पालक तैयार की जाती है।
उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक प्रो0 (डा0) संजय कुमार ने परिषद मे चल रहे शोध कार्यों के सफल परिणामों से परिषद् का नाम रोशन करने पर उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद् की वैज्ञानिक डा. कंवन कार्की, डा. मणिन्द्र शर्मा, डा.अमित पुरोहित, जितेन्द्र, अनुज, सौरभ, चन्द्रशेखर व अन्य वैज्ञानिक ध् कर्मचारी ने शुभकामनाएं दीं। डा. सुमित पुरोहित ने कौशल कुमार, प्रियंका, ललित मिश्रा, बबीता, लक्षमण, महेन्द्र का आभार जताया। डा.सुमित पुरोहित ने इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता, परिवार एवं गुरूजनों के आशीर्वाद व मार्गदर्शन को दिया।

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