Advertisement Section

भाजपा ने पार्वती दास व कांग्रेस ने वसंत कुमार को उतरा मैदान में

Read Time:3 Minute, 7 Second

 

देहरादून। परिवहन मंत्री चन्दन रामदास के निधन से खाली हुई बागेश्वर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए आज कांग्रेस और भाजपा द्वारा अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए गए हैं। कांग्रेस ने आप छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम चुके बसंत कुमार पर दांव खेला है वहीं भाजपा ने सहानुभूति लहर की लाभ की कामना के कारण पूर्व मंत्री चंदन रामदास की पत्नी पार्वती दास पर ही दांव खेलना ज्यादा उचित समझा है।
आगामी 5 सितंबर को होने वाले इस चुनाव को कांग्रेस और भाजपा द्वारा पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है। अभी 2 दिन पूर्व भाजपा ने कांग्रेस को कमजोर साबित करने के लिए मुख्य चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे रंजीत दास को अपने पाले में खींच लिया गया था। कांग्रेस के पैनल में रंजीत दास का नाम भी शामिल था क्योंकि वह चंदन रामदास के मुकाबले दूसरे स्थान पर रहे थे लेकिन ऐन मौके पर उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस के सामने मुश्किलें थोड़ी सी बढ़ गई थी पिछले चुनाव में उन्हें 28 हजार वोट मिले थे और आप प्रत्याशी बसंत कुमार तीसरे नंबर पर रहे थे।

 

 

रंजीत दास के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति बदली और बीते कल ही आप छोड़कर कांग्रेस में आए बसंत कुमार को आज अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। आज करन माहरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बसंत कुमार को अपना प्रत्याशी बनाने का औपचारिक ऐलान कर दिया गया। इस अवसर पर नेता विपक्ष यशपाल आर्य सहित पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद थे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस इस चुनाव में जीत दर्ज करेगी उन्होंने कहा कि भाजपा ने रंजीत दास को धोखा दिया है। कांग्रेस प्रत्याशी के नाम की घोषणा के थोड़ी देर बाद ही खबर मिली कि भाजपा ने पार्वती दास को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि उम्मीद जताई जा रही थी भाजपा उनके बेटे गौरव दास को उम्मीदवार बनाने वाली है लेकिन वसंतकुमार के मैदान में उतारे जाने से भाजपा ने अब उनके मुकाबले पार्वती दास को मैदान में उतारा है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी  की पांचवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की
Next post डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव के अहम निर्देश