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पुणे की झुग्गियों के इन बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम में मनााया उपलब्धियों का जश्न

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बाल मित्र मंडल (बीएमएण) की पुणे इकाई की स्थापना के एक साल पूरे होने पर विमान नगर के क्लोवर पार्क स्थित सिंबियोसिस ऑडिटोरियम में एक रंगारंग कार्यक्रम ‘पंख भविष्याचे’ (भविष्य के पंख) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बीएमएम के राजीव गांधी नगर, भीम नगर, इंदिरा नगर और शांति नगर इकाइयों के बच्चों ने नृत्य और संगीत पेश किया। इन कार्यक्रमों के जरिए बच्चों ने बाल मजदूरी, बाल विवाह और चाइल्ड ट्रैफिकिंग के खिलाफ संदेश भी दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एमएससीपीआर) के सदस्य और अधिवक्ता संजय विजय सेंगर थे ।
कार्यक्रम की शुरुआत बीएमएम की बाल नेताओं मयूरी और प्राची के संबोधन के साथ हुई। इसके बाद भीम नगर बीएमएम के बाल नेता दीपेश गायकवाड़ ने अतिथियों को संबोधित किया और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक (कार्यक्रम) ने स्वागत भाषण दिया।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन के सहयोगी संगठन बाल मित्र मंडल को गरीब और झुग्गी बस्तियों के बच्चों के बीच अभिनव प्रयोगों के माध्यम से शिक्षा के प्रसार के लिए जाना जाता है। बाल मित्र मंडल के बच्चों को अपने समुदाय के प्रति करुणा और संवेदनशीलता के साथ उनकी समस्याओं के हल के लिए संघर्ष करना सिखाया जाता है। ये बच्चे अपने आस पास की समस्याओं के हल के लिए तत्पर रहते हैं। जैसे पुणे की भीमनगर बस्ती में बिजली के लटकते तारों से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता था। बाल मित्र मंडल के बच्चों ने इस समस्या को महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसटी बोर्ड (एमएसईबी) के समान इस समस्या को उठाया। आखिर में उनके साहसिक प्रयास रंग लाए और एमएसईबी के मुख्य अधिकारी ने इलाके का दौरा कर इस समस्या के समाधान के लिए 15 लाख रुपए की राशि मंजूर की। बीएमएम के बच्चे सुनिश्चित करते हैं कि उनकी बस्ती में कोई बच्चा स्कूल से बाहर नहीं रहे।
इस मौके पर कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक राकेश सेंगर ने कहा, “बीएमएम का ध्येय सतत, समग्र और निरोधक उपायों के जरिए शहरी झुग्गी बस्तियों के बच्चों की सुरक्षा और विकास सुरक्षित करना है। कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन अपने अभियान के तहत अब तक 80,000 लोगों तक पहुंच बना चुका है। बीएमएम बाल मजदूरी और बच्चों को यौन शोषण से बचाने के साथ ही लोकतांत्रिक कार्रवाइयों और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से उनके अधिकारों की सुरक्षा और शिक्षा, पेयजल, सफाई और आजीविका जैसी चीजों के प्रति जागरूकता पैदा कर बच्चों और उनके समुदाय के सशक्तीकरण के प्रयासों में जुटा है।” कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति की सदस्य पूर्वी जाधव, सारिका अग्दन्यान और पुलिस अधिकारी सैबू चवाण भी मौजूद थे।

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