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विधानसभा क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के निर्देश

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देहरादून: राज्य सरकार श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संयुक्त चिकित्सालय श्रीनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ब्लड बैंक की स्थापना की जायेगी। जहां पर ब्लड स्टोरेज के साथ-साथ ब्लड बैंक से संबंधी तकनीशियानों एवं चिकित्सकों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। इससे श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, संयुक्त चिकित्सालय व जिला चिकित्सालय पौड़ी आने वाले मरीजों को स्थानीय स्तर पर आसानी से ब्लड उपलब्ध हो सकेगा। राज्य सरकार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से लगे ग्राम पंचायत स्वीत गहड़ में शीघ्र नर्सिंग कॉलेज की स्थापना करेंगी। इसके लिये ग्रामीणों द्वारा विभाग को पहले ही भूमि दान स्वरूप उपलब्ध करा दी गई है।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशलय के सभागार में श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें उन्होंने विभागीय अधिकारियों को संयुक्त चिकित्सालय श्रीनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ब्लड बैंक की स्थापना में तेजी लाने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर व संयुक्त चिकित्सालय श्रीनगर में जनपद चमोली, रूद्रप्रयाग, टिहरी व पौड़ी गढ़वाल के ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं, जिस कारण यहां पर मरीजों का काफी दबाव रहता है। कई बार गंभीर मरीजों को ब्लड की जरूरत पड़ती है लेकिन क्षेत्र में आस-पास ब्लड बैंक न होने से गंभीर रोगियों को देहरादून व एम्स ऋषिकेश के लिये रैफर करना पड़ता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को चार नर्सिंग कॉलेज दिये हैं, जिनमें से एक नर्सिंग कॉलेज मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से लगे ग्राम पंचायत स्वीत के गहड़ तोक में खोला जायेगा, ताकि यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को आसानी से मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। इसके लिये गहड़ गांव के लोगों द्वारा पूर्व में ही पर्याप्त भूमि स्वास्थ्य विभाग को दान स्वरूप दे दी गई है।

श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा करते हुये डॉ. रावत ने विभागीय अधिकारियों को विकासखंड खिर्सू, पाबौं एवं थलीसैण के अंतर्गत आने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में पर्याप्त चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ तैनात करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि थलीसैंण व पाबौं विकासखंडों में पलायन अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा कम हुआ है जिसके चलते आज भी क्षेत्र के अधिकतर परिवार अपने गांव में ही रह रहे हैं, जिनको बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। बैठक में विभाग के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों एवं मेडिकल कॉलेज के विभिन्न भवनों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।

बैठक में अपर सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम स्वाती भदौरिया, अपर सचिव एवं सीईओ राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण डॉ. आनंद श्रीवास्तव, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य श्रीनगर मेडिकल कॉलेज डॉ. सी.एम.एस. रावत, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. भागीरथी जंगपांगी, डॉ. एच.सी. जौहरी, डॉ. मीतू शाह, डॉ. चुफाल, संयुक्त चिकित्सालय खिर्सू, पबौं व थलीसैण के प्रभारी चिकित्साधिकारी, विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं एनएचएम के अधिकारी उपस्थित रहे।

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