Advertisement Section

हर्षिल में दो दिवसीय सेब महोत्सव

Read Time:9 Minute, 27 Second

हर्षिल/उत्तरकाशी । प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी गुरुवार को सीमांत जनपद उत्तरकाशी के वाइब्रेंट विलेज हर्षिल पहुंचे। जहां कृषि मंत्री गणेश जोशी ने दो दिवसीय “राज्य स्तरीय सेब महोत्सव – 2023” का शुभारंभ किया। इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने सेब महोत्सव में लगी सेब की विभिन्न प्रजातियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
प्रदर्शनी में रेड चीफ, ऑर्गन स्पर, सुपर चीफ, गाला, गोल्डन डेलीशियस, रॉयल डेलीशियस, रेड डेलीशियस, फैनी, रॉयमर, जोनाथन, बकिंघम, रेड ब्लाक, जिंजर गोल्ड, पिंक लेडी, ग्रेमी स्मिथ, रेड गोल्डन, ग्रीन स्वीट, रेड फ्यूजी, क्रेब एप्पल सहित कई सेब की प्रजाति प्रदर्शित की गई। इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने हर्षिल को फलपट्टी की घोषणा भी की। इस दौरान मंत्री ने ड्रोन स्प्रेयर मशीन का भी अवलोकन किया। इस दौरान मंत्री ने वाइब्रेंट विलेज के तहत ग्रामीणों और किसानों की समस्या को भी सुना।

इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने वाईब्रेन्ट विलेज हर्षिल घाटी में उत्तराखण्ड के बहु प्रसिद्ध सेब उत्पादक क्षेत्र हर्षिल उत्तरकाशी में उद्यान विभाग द्वारा दो दिवसीय “राज्य स्तरीय सेब महोत्सव – 2023” के  आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा इस महोत्सव में राज्य में उत्पादित विभिन्न प्रकार की सेब प्रजातियों का संकलन देखने को मिलेगा। साथ ही सेब उत्पादन की विभिन्न तकनीकों का सजीव प्रदर्शन, विभिन्न कम्पनियों/संस्थानो (पौधशाला प्रबन्धन, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, औद्यानिक यन्त्रीकरण, तुड़ाई उपरान्त प्रबन्धन, पैकेजिंग, विपणन एवं प्रसंस्करण) एवं विभिन्न सेब उत्पादकों द्वारा भौतिक रूप से प्रतिभाग किया गया है। इस प्रकार के आयोजन से राज्य में सेब के उत्पादन को व्यवसायिकता के आधार पर उच्च स्तर तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा देश में कुल 3.05 लाख है0 में 26.60 लाख मै0टन सेब का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें उत्तराखण्ड में 0.65 लाख मै0टन सेब का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें सर्वाधिक उत्पादन जनपद उत्तरकाशी में लगभग 45 प्रतिशत (29018 मै0टन) है। उत्तराखण्ड के समस्त पर्वतीय जनपदों में सेब का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रूप से जनपद उत्तरकाशी, देहरादून, अल्मोडा, नैनीताल, एवं चमोली सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा वर्ष 2020-21 के आकडो के अनुसार में राज्य में उत्पादित सेब की उत्पादकता मात्र 2.50 मै0टन/ है० है। आवश्यक है कि उच्च गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री के माध्यम से नये बागानो की स्थापना की जाए तथा पुराने अनुत्पादक बागों का जीर्णोद्वार कर उत्पादकता में वृद्वि की जाय।

उन्होंने कहा कि कृषकों को सेब फलों की पैकिंग एवं ब्रांडिग के माध्यम से उचित मूल्य दिलाये जाने हेतु 50 प्रतिशत राजसहायता पर कोरोगेटेड बाक्स (एप्पिल ट्रे सहित) उपलब्ध कराये जा रहे है। इस वर्ष अभी तक जनपद उत्तरकाशी में 20 कि0ग्रा0 के 2 लाख तथा 10 कि0ग्रा0 के 56,000 कोरोगेटड बॉक्स कृषकों को वितरित किये जा चुके है, तथा कृषकों की माँग के अनुसार वितरण की कार्यवाही गतिमान है। मंत्री ने कहा राज्य में सेब के गुणवत्तायुक्त एवं अधिक उत्पादन प्राप्त किये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सेब की अति सघन बागवानी की योजना स्वीकृत की गयी है, जिसके अन्तर्गत 08 वर्षो में 5000 हैक्टेयर में सेब की अति सघन बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। योजनान्तर्गत 50000 प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होगें एवं 08 वर्षो में सेब का व्यवसाय 200 से 2000 करोड़ तक प्राप्त किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में सेब के ‘सी’ श्रेणी के फलों के लिए सरकार द्वारा बाजार हस्तक्षेप योजना के अन्तर्गत वर्ष 2023-24 में रु. 12.00 प्रति किग्रा० की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। मंत्री ने शीतोष्ण फलों (मुख्यतः सेब) को बढ़ावा देने के लिए बागवानी के अन्तर्गत अपनायी जाने वाली समस्त तकनीकों को एकीकृत रूप से एक ही स्थान पर प्रदर्शित करने के लिए बागवानी मिशन की सहायता से चौबटिया, रानीखेत में रु. 10.00 करोड़ की लागत से सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना नीदरलैण्ड के सहयोग से प्रस्तावित है। उन्होंने पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत सेब की फसल को सुरक्षा प्रदान की जा रही है, जिसमें ओलावृष्टि से सुरक्षा भी सम्मिलित की गयी है तथा साथ ही बागवानी मिशन योजना एवं राज्य योजना के द्वारा ओलारोधक जाली पर 75 प्रतिशत अनुदान पर कृषकों को उपलब्ध करायी जा रही है। नाबार्ड की आर0आई0डी०एफ० योजनान्तर्गत क्लस्टर अवधारणा अपनाते हुए 50 से 500 वर्ग मी0 आकार के 21,398 पॉलीहाउस स्थापना के लिए 80 प्रतिशत राज सहायता प्रदान करने की योजना स्वीकृत की गयी है। पॉलीहाउस में उच्च गुणवत्तायुक्त सब्जी एवं पुष्प उत्पादन कर कृषक अपनी आय में गुणात्मक वृद्वि कर सकते है।

मंत्री ने कहा तुडाई उपरान्त प्रबन्धन के लिए उद्यान विभाग द्वारा सी.ए. स्टोरेज संग्रहण, ग्रेडिंग एवं पैकिंग केन्द्र की स्थापना कर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सेब के साथ-साथ सरकार द्वारा विभिन्न उच्च मूल्य वाली फसलों जैसे – कीवी, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, अखरोट, बेमौसमी सब्जियों आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस महोत्सव में मुख्य रूप से सेब प्रदर्शनी, सेब उद्यान भ्रमण, बागवानी विशेषज्ञों से संवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रिवर राफ्टिंग, वाईब्रेन्ट विलेज के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य का अवलोकन आदि सम्मिलित है। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि इस अवसर पर विभिन्न जनपदों से आये बागवान, वैज्ञानिक/प्रगतिशील कास्तकारों को इस सेब महोत्सव में प्रदान की जाने वाली तकनीकी जानकारियों से लाभान्वित होकर सेब उत्पादन व विपणन के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित करने में सक्षम होगें। इस दौरान मंत्री ने सेब महोत्सव में प्रदर्शनी लगाने वाले किसानों को भी पुरुस्कार वितरित किया।
इस अवसर पर कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, ज़िलाधिकारी अभिषेक रूहेला, जिलाध्यक्ष सतेंद्र राणा, ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र राणा सहित उद्यान विभाग के अधिकारीगण और किसान उपस्थित रहे।

 

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post राज्यपाल ने किया यूटीयू की ई-लाइब्रेरी का शुभारंभ
Next post निवेशकों का उत्तराखण्ड आने के लिए और निवेश के लिए मन में आकर्षणः सीएम