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डॉ. मनोरमा ढौंडियाल साहित्यांचल हिंदी रत्न सम्मान से हुईं सम्मानित

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कोटद्वार, 16 सितम्बर। साहित्यांचल साहित्यिक संस्था की ओर से हिंदी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उत्कृष्ट साहित्य सृजन एवं लेखन के लिए पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. मनोरमा ढौंडियाल को साहित्यांचल हिंदी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही उत्तराखंड हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में हिंदी विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 28 छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बीईओ दुगड्डा अमित कुमार चंद्र के प्रतिनिधि एवं जीआईसी कोटद्वार के प्रधानाचार्य मोहन सिंह रावत ने किया। उन्होंने सभी को हिंदी दिवस की बधाई दी। वक्ताओं ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा न दे पाने पर सरकार को आड़े हाथ लिया। कहा कि सरकार स्वयं विदेशी भाषा के विद्यालयों को मान्यता प्रदान करती आ रही है। इससे आमजन में जहां अंग्रेजी शिक्षा का मोह बढ़ता जा रहा है।

इस मौके पर सेवानिवृत्त प्रोफेसर नंदकिशोर ढौंडियाल, डॉ. अनुराग शर्मा, जीआईसी कण्वघाटी के प्रधानाचार्य डॉ. रमाकांत कुकरेती, पूर्व प्रधानाचार्य शिव प्रकाश कुकरेती, प्रवेश नवानी, जेपी बुड़ाकोटी ने केंद्र सरकार से हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने की मांग की। संस्था के अध्यक्ष सीपी नैथानी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. बीना वशिष्ठ, कौशल्या जखमोला आदि मौजूद रहे।

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