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देहरादून, 2 मार्च। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकों को लेकर कुछ बदलाव किए जाने हैं. इसमें स्थानीय विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना है. दरअसल उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा चुकी है. ऐसे में प्रदेश में इसके क्रियान्वयन को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय नजर बनाए हुए है. इसी को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान कुछ महत्वपूर्ण संदेश भी दिए हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उत्तराखंड में स्थानीय संदर्भ को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के निर्देश दिए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इसको जगह दी गई है. खास बात यह है कि उत्तराखंड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर लिया है. लेकिन इसके बेहतर तरीके से क्रियान्वयन को लेकर भारत सरकार भी नजर बनाए हुए हैं. उत्तराखंड में अपने दौरे के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की और इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अलावा शैक्षिक कार्यक्रमों पर भी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं.
प्रदेश में कक्षा 1 से 12वीं तक पाठ्य पुस्तकों में स्थानीय विषयों को जोड़ा जाना है. जिसके लिए शिक्षा विभाग को विषयों का चयन करना है. इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ही बाल वाटिका के संचालन पर विशेष ध्यान देने के लिए भी कहा गया है. इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री को उत्तराखंड में चलाई जा रही शैक्षिक कार्यक्रमों की जानकारी दी गई है.
उत्तराखंड शिक्षा विभाग में समग्र शिक्षा बजट में बढ़ोतरी के लिए भी उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री के सामने प्रस्ताव रखा. राज्य की तरफ से शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धन धर्मेंद्र प्रधान से उच्च शिक्षा के तहत दो मॉडल महाविद्यालय और टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करने का भी अनुरोध किया है. राज्य के लिए अच्छी बात यह है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भी इस पर सकारात्मक स्वीकृति दी है.
उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा ‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ पुस्तक तैयार की गई है. जिसकी केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भी तारीफ की है.