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महाकुंभ 2025: पहला शाही स्नान कल, करोड़ों की भीड़ लेगी ‘परीक्षा’, योगी सरकार के लिए ये 3 तारीखें सबसे चुनौतीपूर्ण

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प्रयागराज, 11 जनवरी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ मेला 2025 का आगाज होने जा रहा है। इसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी कराई जा चुकी हैं। बची तैयारियों को पूरा करने में प्रशासन की टीम दिन-रात लगी हुई है। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में साधु-संतों और अखाड़ों का संगम तट पर आना लगातार जारी है। साथ ही, बड़ी संख्या में श्रद्धालु कल्पवास के लिए पहुंच रहे हैं। इस महाआयोजन को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हर तैयारियों को पूरा करा रही है। संगम तट पर विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बस रहा है।

क्या है शाही स्नान?
महाकुंभ मेले में शाही स्नान का खास महत्व होता है। हालांकि, महाकुंभ के दौरान हर दिन किए जाने वाले स्नान को कल्याणकारी माना गया है। इसे सामान्य स्नान के तौर पर परिभाषित किया गया है। वहीं, खास दिनों पर होने वाले स्नान को अधिक पुण्यकारी माना गया है। इन्हें शाही स्नान कहते हैं। इस दिन सभी प्रमुख अखाड़ों के संत जुलूस के साथ निकलते हैं और संगम में डुबकी लगाते हैं। महाकुंभ में मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी को प्रमुख शाही स्नान माना गया है। इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की स्थिति को देखते हुए प्रशासनिक तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है।

महाकुंभ में 6 शाही स्नान
महाकुंभ 2025 के दौरान शाही स्नान की छह तिथियां निर्धारित की गई हैं। पहला शाही स्नान पौष पूर्णिमा के दिन 13 जनवरी को होगा। वहीं, मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को दूसरे शाही स्नान का आयोजन किया। 14 जनवरी के शाही स्नान को ही अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दिन सबसे अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। इस तिथि को योगी सरकार की तमाम तैयारियों की परीक्षा होगी। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन तीसरे शाही स्नान की तिथि निर्धारित की गई है। चौथा शाही स्नान बसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को होगा। मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के शाही स्नान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस तिथि को करोड़ों लोगों की भीड़ संगम तट पर पहुंची।

पहुंचने के लिए विशेष इंतजाम
महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज आने-जाने के लिए रेलवे की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है। देश के 10 बड़े शहरों से महाकुंभ में आने के लिए ट्रेन चलाए जाने की तैयारी है। इन शहरों में अमृतसर, दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, भोपाल, इंदौर, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोलकाता शामिल हैं। इनके अलावा 12 जनवरी से 28 फरवरी तक महाकुंभ के लिए करीब 992 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएगी। कुंभ मेला के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। प्रतिबंध शाही स्नान से एक दिन पहले से लेकर शाही स्नान के दो दिन बाद तक लागू रहेगा। प्रयागराज, नैनी, प्रयागराज छिबकी और सूबेदारगंज स्टेशन पर यात्रियों के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। वहीं, प्रयागराज फफामऊ, प्रयागराज रामबाग और झूंसी स्टेशन पर भी प्रतिबंध रहेगा। प्रयागराज संगम स्टेशन हर शाही स्नान के एक दिन पहले से दो दिन बाद तक बंद रहेगा।

बस सेवा भी रहेगी उपलब्ध
यूपी रोडवेज की ओर से महाकुंभ को लेकर विशेष तैयारी की गई है। इसके अलावा लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, रायपुर, रांची, पटना, दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल और चंडीगढ़ से बस सेवाओं की भी सुविधा रहेगी। प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने आने वाले लोगों के ठहरने के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए संगम के पास टेंट सिटी बनाई गई है। वहां लगभग 25,000 टेंट लगाए गए हैं। इनका किराया 2000 रुपये प्रतिदिन से लेकर 20,000 रुपये तक है। इसके साथ-साथ प्रयागराज के 150 होटल में भी ठहरने का इंतजाम किया गया है। धर्मशाला और होम स्टे की भी सुविधा है।

हेल्पलाइन नंबर भी जारी
महाकुंभ के दौरान अगर आपका कोई सामान खो जाता है तो मेला प्रशासन ने तीन तरह की व्यवस्था की गई है। इसमें डिजिटल खोया पाया केंद्र शामिल है। कुंभ सिटी में मेला प्रशासन की ओर से 10 ऐसे केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा शिकायत या सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। कुंभ सिटी में एआई कैमरे की मदद से क्राउड मैनेजमेंट होगा। यह कैमरा चेहरे की भी पहचान करेगा।

महाकुंभ के 6 स्नान पर्व
13 जनवरी- पौष पूर्णिमा
14 जनवरी- मकर संक्रांति
29 जनवरी- मौनी अमावस्या
03 फरवरी- बसंत पंचमी
12 फरवरी- माघ पूर्णिमा
26 फरवरी- महाशिवरात्रि

महाकुंभ के अमृत स्नान (शाही स्नान)
मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या , बसंत पंचमी

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