Advertisement Section

महानवमी आज, कन्या पूजन के लिए मिलेगा बस इतने मिनट का शुभ मुहूर्त

Read Time:4 Minute, 32 Second

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। चैत्र नवरात्र की महानवमी 6 अप्रैल यानी कल है. महानवमी के साथ ही चैत्र नवरात्र का समापन हो जाएगा. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद 9 कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है. फिर उन्हें हलवा-पूरी और चने के प्रसाद का भोग लगाया जाता है. कन्या पूजन में कन्याओं के साथ बटुक भैरव का स्वरूप मानकर एक बालक भी बैठाया जाता है. इस बालक को बैठाए बिना कन्या पूजन अधूरा समझा जाता है.

सबसे पहले होती है सिद्धिदात्री की पूजा
महानवमी पर सबसे पहले मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. इस दिन शरीर और मन से शुद्ध रहते हुए मां के सामने बैठें. उनके सामने दीपक जलाएं और उन्हें नौ कमल के फूल अर्पित करें. मां सिद्धिदात्री को नौ तरह के खाद्य पदार्थ भी अर्पित करें. मां के मंत्र “ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः” का यथाशक्ति जाप करें. अर्पित किए हुए कमल के फूल को लाल वस्त्र में लपेटकर रखें. देवी को अर्पित किए हुए खाद्य पदार्थों को निर्धनों में बांट दें. इसके बाद कन्या पूजन की प्रक्रिया शुरू करें.

कन्या पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, रामनवमी पर पूजा के लिए सुबह 11:58 बजे से शुभ मुहूर्त शुरू होगा, जो दोपहर 12:59 तक रहेगा। आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि नवमी तिथि की शुरुआत पांच अप्रैल को शाम 7:26 बजे से अगले दिन छह अप्रैल को शाम 7:22 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदय तिथि पर छह अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा।

मां दुर्गा स्वरूप मानकर कन्याओं की पूजा होती है
कन्या पूजन के बिना नवरात्र अधूरे हैं. मान्यता हैं कि महानवमी पर कन्या पूजन करने से मां की विशेष कृपा होती है और मां को प्रसन्न करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस दिन छोटी-छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी उपासना की जाती है. महानवमी पर कन्या पूजन से एक दिन पहले ही कन्याओं का घर आने का निमंत्रण दे आएं. जब कन्याएं पूजन के दिन आएं तो पहले सम्मान के साथ घर में उनका स्वागत करें. उन पर फूलों की वर्षा करें. फिर उनके पैर धुलाएं. साफ आसन पर बैठाएं. उनकी आरती करें. चंदन का टीका लगाएं और हाथ में रक्षासूत्र बांधें.

महानवमी पर मां सिद्धिदात्री के सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं. संभव हो तो मां को कमल का फूल अर्पित करें. कमल का फूल न मिल पाए तो कोई भी लाल फूल अर्पित करें. मां सिद्धिदात्री को क्रम से मिश्री, गुड़, हरी सौंफ, केला, दही, देसी घी और पान का पत्ता अर्पित करें. फिर देवी मां से सभी ग्रहों को शांत करने की प्रार्थना करें.

भय मुक्त करेंगी मां सिद्धिदात्री
महानवमी के दिन एक पान के पते पर 9 साबुत फूलदार लौंग के साथ देसी कपूर रखे 9 लाल गुलाब के फूलों के साथ देवी को अर्पण करके अपने अज्ञात भय को खत्म करने की प्रार्थना क. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे मंत्र का 108 बार लाल आसन पर बैठकर जाप करें. जाप के बाद लौंग को सिर से उल्टा 7 बार वारकर देसी कपूर में जलाएं. अज्ञात भय दूर होगा और देवी सिद्धिदात्री की कृपा मिलेगी

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post उत्तराखंड में घूसखोर कानूनगो गिरफ्तार: 40 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया, विजिलेंस टीम ने तीन घंटे तक की पूछताछ
Next post मियांवाला का नाम नहीं बदलेगा, स्थानीय विरोध के बाद बैकफुट पर आई धामी सरकार