देहरादून, 5 अप्रैल। उत्तराखंड की धामी सरकार ने मियांवाला का नाम बदलने के अपने निर्णय को वापस ले लिया है। पहले सरकार ने मियांवाला का नाम बदलकर रामजीवाला करने की घोषणा की थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर पुनर्विचार करते हुए मियांवाला का नाम वैसे का वैसा रखने का फैसला लिया।
चौतरफा घिरी सरकार
मियावाला देहरादून उत्तराखंड की राजधानी का एक ऐसा क्षेत्र है, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए जाना जाता है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य के 15 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा के बाद मियावाला देहरादून का नाम रामजीवाला करने का प्रस्ताव विवादों में आ गया है। इस निर्णय ने स्थानीय लोगों की भावनाओं को झकझोर दिया है, क्योंकि उनका मानना है कि मियावाला का नाम उनकी सांस्कृतिक विरासत और इतिहास का अभिन्न हिस्सा है।
मियावाला देहरादून देहरादून नगर निगम के अंतर्गत आने वाला एक क्षेत्र है, जो शहर के बाहरी हिस्से में स्थित है। यह क्षेत्र न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके पीछे एक गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी छिपा है। मियावाला का नाम गुलेर रियासत से आए गुलेरिया राजपूतों से जुड़ा हुआ है, जिन्हें “मियां” की सम्मानजनक उपाधि दी गई थी। यह उपाधि समय के साथ उनकी पहचान का हिस्सा बन गई और इस क्षेत्र का नाम “मियावाला” पड़ा।
“मियां” शब्द का अर्थ और भ्रांतियां
“मियां” शब्द को लेकर अक्सर भ्रांतियां फैलती हैं। आमतौर पर इसे मुस्लिम समुदाय से जोड़ा जाता है, क्योंकि यह हिंदी और उर्दू में एक सम्मानसूचक संबोधन है, जिसका अर्थ “महाशय” या “श्रीमान” होता है। लेकिन मियावाला देहरादून के संदर्भ में “मियां” का संबंध मुस्लिम समुदाय से नहीं, बल्कि गुलेरिया राजपूतों से है। यह शब्द स्थानीय परंपरा और बोलचाल में रच-बस गया था और गुलेरिया लोगों की पहचान बन गया।
नहीं बदला जाएगा मियांवाला का नाम
गौरतलब है कि धामी सरकार ने बीते दिनों पहले चार जिलों के विभिन्न स्थानों का नाम बदला था. जिसमें देहरादून का मियांवाला भी शामिल था. मियांवाला का नाम बदलकर रामजी वाला कर दिया गया था. सरकार के इस फैसले के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने मियांवाला का नाम न बदलने का फैसला लिया है.
स्थानीय विरोध के कारण लिया गया निर्णय
कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने चार जिलों के विभिन्न स्थानों का नाम बदलने की योजना बनाई थी, जिसमें देहरादून का मियांवाला भी शामिल था। मियांवाला का नाम बदलकर रामजीवाला करने के फैसले का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया था। शनिवार को मियांवाला के स्थानीय लोग, जिनकी अगुवाई मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप बुटोला कर रहे थे, मुख्यमंत्री से मिले। इस मुलाकात के दौरान सीएम धामी ने आश्वासन दिया कि वह जनभावनाओं का सम्मान करेंगे और इस निर्णय को फिर से नहीं बदलने का निर्देश दिया। इतिहासकारों का मानना है कि मियावाला का नाम बदलना ऐतिहासिक तथ्यों को नजरअंदाज करना होगा। यह क्षेत्र गुलेर और गढ़वाल के बीच सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है, और इसका नाम बदलने से इस विरासत पर असर पड़ सकता है।
हालांकि, उत्तराखंड सरकार के हालिया निर्णय के तहत इस क्षेत्र का नाम बदलकर रामजीवाला करने की घोषणा की गई है। सरकार का कहना है कि यह कदम भारतीय संस्कृति और महापुरुषों की विरासत को संरक्षित करने के लिए उठाया गया है। लेकिन स्थानीय लोगों और इतिहासकारों का मानना है कि मियावाला का नाम बदलना इसकी ऐतिहासिक पहचान को मिटाने जैसा है।