Advertisement Section

38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रदश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को नौकरी के अलावा दोगुना इनाम

Read Time:3 Minute, 6 Second

देहरादून, 13 दिसम्बर। 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के इनाम की राशि दोगुनी कर दी गई है। इस संबंध में सरकार की पूर्व घोषणा पर शुक्रवार को शासनादेश जारी हो गया। इसके बाद राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण जीतने पर इनाम की राशि छह लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये, रजत पदक पर इनाम राशि चार लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपये और कांस्य पर तीन की जगह छह लाख की राशि पुरस्कार स्वरूप दी जाएगी।

राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि दोगुनी करने के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी में पूर्व घोषणा की थी। जिसके आधार पर प्रस्ताव बनाकर शासन के पास भेजा गया था। तब से शासनादेश का इंतजार था। राष्ट्रीय खेलों को ध्यान में रखते हुए शासनादेश जारी हो गया है। दरअसल, ओलंपिक और राष्ट्रीय खेलों की पुरस्कार राशि में बड़ा अंतर रहा है। मौजूदा प्रावधान में ओलंपिक में स्वर्ण पदक लाने पर दो करोड़, रजत पदक लाने पर डेढ़ करोड़ और कांस्य पदक लाने पर एक करोड़ रुपये पुरस्कार राशि देने का प्रावधान है। इसके अलावा यदि राज्य के किसी खिलाड़ी का ओलंपिक में प्रतिभाग के लिए चयन होता है तो उसे भी 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि राज्य की ओर से दी जाती है।

खेल मंत्री ने की घोषणा
राज्य के खिलाड़ी पदक ओलंपिक में लाएं या राष्ट्रीय खेलों में, उन्हें खेल नीति 2021 के तहत पुरस्कार राशि के अलावा आउट ऑफ टर्न राजपत्रित अधिकारी की नौकरी देने की नीति है। पदक लाने वाले खिलाड़ियों को ग्रेड-एक के तहत पुलिस उप अधीक्षक, सहायक वन संरक्षक या संभागीय परिवहन अधिकारी के पदों पर नियुक्त दी जाती है।

राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए के लिए सरकार की ओर से हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं। पुरस्कार राशि दोगुनी करने से खिलाड़ी प्रोत्साहित होंगे और राष्ट्रीय खेलों में अधिक से अधिक पदक लाकर प्रदेश को गौरवान्वित करेंगे।
– रेखा आर्या, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री, उत्तराखंड

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post तिलक लगाकर पहुंची छात्रा, शिक्षिका ने किया क्लास से बाहर, हिंदू संगठनों का स्कूल में हंगामा
Next post उत्तराखंड के लिए आरक्षित एकमात्र सीट पर दून के वैभव को मिला दाखिला, पिता की सीख से मिली कामयाबी