देहरादून, 12 फरवरी। मंगलवार और बुधवार यानि 11 एवं 12 फरवरी 2025 को उत्तराखंड की महत्वाकांक्षी योजना देवभूमि उद्यमिता स्टार्टअप मीट दून विश्वविद्यालय देहरादून में संपन्न हुई । जिसका उद्देश्य नए उभरते उद्यमियों को स्टार्टअप सीड मनी प्रदान करना एवं उनका इकोसिस्टम तैयार करना है।
मुख्यमंत्री ने इस समिट को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता राज्य के आर्थिक विकास का आधार बन सकती है और देवभूमि उद्यमिता योजना इसके लिए एक प्रभावी मंच प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना में समृद्ध उत्तराखंड के लिए युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मेगा स्टार्टअप समिट में देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित 75 से अधिक छात्र-छात्राओं ने अपने स्टाल लगाए और अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। इस समिट में बिच्छू घास से चाय बनाने वाली साधना रतूड़ी, पहाली फलों जैसे माल्टा, बुरांस के रेडी टू ड्रिंक उत्पाद बनाने वाले दीपक सिंह नेगी सहित चीड़ की पत्तियों का उपोयग कर पाइन कोल बनाने वाली छात्रा आकर्षण का केंद्र रहे। इस समिट में पूरे प्रदेश से 75 से अधिक छात्र उद्यमियों ने अपने रचनात्मक उत्पादों एवं व्यावसायिक माडलों का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के चार प्रोफेसर्स डॉ राम सिंह सामंत, डॉ गिरिराज सिंह, डॉ विनय कुमार पांडे एवं डॉ सुनील देवरारी ने महाविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया जिसका फायदा निश्चित तौर पर महाविद्यालय में पढ़ने वाले उन नवयुवक-युवतियों को मिलेगा, जो अपना खुद का रोजगार शुरू करना चाहते हैं। जिस हेतु उत्तराखंड सरकार के द्वारा सीड मनी उपलब्ध कराया जा रहा है।
डॉ राम सिंह सामंत (नोडल उद्यमिता योजना) ने बताया कि उक्त योजना का लाभ महाविद्यालय के बहुत सारे छात्र-छात्राओं को मिलने वाला है एवं आगामी 24 फरवरी से 12 दिवसीय ई.डी.पी. (Entrepreneurship Development Programme) कार्यक्रम भी प्रस्तावित है।
इस मेगा स्टार्टअप समिट के दौरान 6 समझौते भी हुए। उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड सरकार ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलरू, फीड, आईआईएस काशीपुर, जोहो कार्पोरेशन तथा टाइड, आईआईची रुड़की तथा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली यूनिवर्सिटी आफ हार्टिकल्चर एवं फारेस्ट्री के पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए।