अयोध्या, 26 मार्च। राम मंदिर में रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरण रामलला के मस्तक को सुशोभित करेंगी. अब यह 20 वर्षों तक स्थायी रहेगा. CBRI रुड़की के इंजीनियरों ने इसके लिए स्पेशल उपकरण तैयार किया है. मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर में सूर्य के प्रकाश को गर्भ गृह तक पहुंचाने की व्यवस्था को स्थायित्व प्रदान किया जा रहा है, जो अगले 20 वर्षों तक रहेगी. इसे कंप्यूटर में प्रोग्राम कर लिया गया है. आने वाली रामनवमी पर प्रत्येक वर्ष पूरा देश और दुनिया सूर्य तिलक देख सकेगी.
मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंगलवार को राम मंदिर के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संचालित सरयू तट स्थित अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के परिवर्तित हो रही गैलरी की व्यवस्थाओं पर मंथन किया गया. सबसे पहले संग्रहालय परिसर का स्थालीय निरीक्षण किया गया. इसके बाद गैलरी को आधुनिकता देने और परंपरागत रुप से तैयार करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि संग्रहालय का कार्य देखा जाएगा. प्रयास यह होगा कि, अब जो 20 गैलरी बन रही है, उनकी शुरुआत कर दी जाए.
राम मंदिर परिसर में बन रहे तीन मुख्य द्वार के नाम हिंदू धर्म के पूज्य आचार्यों के नाम से रखें जाने हैं. इनके नाम की घोषणा भी नवरात्र के दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर सकता है. नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि इसके लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से वार्ता की गई है. राम मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थाई रुप से कैनोपी लगाए जाने की योजना रामनवमी तक पूर्ण नहीं हो सकेगी. कहा कि ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है, कि यदि आवश्यकता पड़ेगी तो अस्थाई रूप से कैनेपी और मैट की व्यवस्था ट्रस्ट करेगा. इससे श्रद्धालुओं को कुछ राहत दी जा सकेगी.
1 दिन में 800 भक्तों को मिलेगा राम दरबार के दर्शन की अनुमति
राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होगी. अप्रैल में 15 दिन के अंदर शुभ मुहूर्त पर इसे स्थापित कर दिया जाएगा. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रथम तल राम भक्तों के जाने के लिए पास की व्यवस्था जारी किया जाएगी. इसे भी आरती पास की तरह निःशुल्क रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि इसमें 1 घंटे में लगभग 50 व्यक्ति और एक दिन में लगभग 800 व्यक्तियों को ही यह पास जारी होगा. प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु राम मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, इसलिए यह सुविधा सभी श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाएगी.