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12 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में डॉ.पीयूष रौतेला को वर्ष 2019 का “राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक सम्मान” दिया जाएगा।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक डॉ.पीयूष रौतेला को वर्ष 2019 का “राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक सम्मान” दिया जाएगा। यह सम्मान उन्हें भू-वैज्ञानिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 12 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में दिया जाएगा। बता दें कि ये पुरुस्कार भू विज्ञान के क्षेत्र में किये गए विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। इसमें पुरुस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र और नकद धनराशि दिए जाने का प्रावधान है।

यह पहला मौका है जब किसी “वैज्ञानिक शोध और अध्ययन करने वाले संस्थानों के साथ साथ उच्च शिक्षण संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों को मिलने वाला पुरुस्कार” पहली बार ‘राज्य सरकार के ऐसे क्रामिक को दिया जा रहा है। जिसके विभाग का शोध कार्यो से कोई सरोकार नही है’।

डॉ. पीयूष रौतेला को विशेष रूप से भू-स्खलन व भूकम्प से क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिये किये गये वैज्ञानिक शोध व अध्ययनों के लिए वर्ष 2019 का राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक पुरस्कर दिया जा रहा है। भारत सरकार के खान मंत्रालय की ओर से भू-वैज्ञानिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार हर वर्ष प्रदान किया जाता है। आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के अधिशाषी निदेशक पद पर डॉ. रौतेला लम्बे समय तक रहे हैं और उनके निर्देशन में किए गए कार्यों के लिए इस साल जनवरी में वर्ष 2020 का सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया था।

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