देहरादून। दरोगा भर्ती धांधली मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। 8 अक्टूबर 2022 को विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर में मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में 12 आरोपी हैं। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद 20 दरोगाओं को सस्पेंड किया गया है।
2015 दरोगा सीधी भर्ती धांधली मामले में विजिलेंस की प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस मुख्यालय ने 20 दरोगा को निलंबित कर दिया है। 2015 में भर्ती हुए यह दरोगा जांच पूरी होने तक निलंबित रहेंगे। बता दें कि यूकेएसएसएसी मामले में जांच के दौरान 2015 में दरोगा सीधी भर्ती धांधली सामने आई थी।
पता चला था कि इस भर्ती में नकल करने के बाद दरोगा में सफलता पाई। इस मामले की जांच शासन के निर्देश पर विजिलेंस को दी गई थी। विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी मामले की जांच कर रहा है। परीक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय ने कराई गई थी। विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं।
8 अक्टूबर 2022 को विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर में इस संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में कुल 12 आरोपी हैं। एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिली है। इसमें 20 दरोगा का नाम सामने आया है। सभी को सस्पेंड किया गया।
सस्पेंड दरोगा
ओमवीर सिंह-देहरादून (चौकी इंचार्ज सभावाला)
प्रवेश रावत-देहरादून (चौकी इंचार्ज नालापानी)
राजनारायण व्यास-देहरादून
जैनेंद्र राणा-देहरादून (चौकी इंचार्ज खुड़बुड़ा)
निखिलेश सिंह बिष्ट-देहरादून
दीपक कौशिक-ऊधमसिंह नगर
अर्जुन सिंह -ऊधमसिंह नगर
बीना पपोला-ऊधमसिंह नगर
जगत सिंह शाही-ऊधमसिंह नगर
हरीश महर-ऊधमसिंह नगर
लोकेश-ऊधमसिंह नगर
संतोषी-ऊधमसिंह नगर
नीरज चौहान-नैनीताल
आरती पौखरियाल-नैनीताल (एलआईयू)
प्रेमा कोरमा-नैनीताल
भावना बिष्ट-नैनीताल
पुष्पेंद्र- पौड़ी गढ़वाल
गगन मैठानी-चमोली
तेजकुमार-चंपावत
मोहित सिंह रौथाण-प्लाटून कमांडर एसडीआरएफ