Advertisement Section

मूल निवास को लेकर सरकार स्थिति को स्पष्ट कर चुकी है। महेन्द्र भट्ट

Read Time:4 Minute, 49 Second

देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट  ने कहा कि हमने राज्य का गठन किया है, स्वाभाविक रूप से जन सरोकारों के साथ हमारा लगाव भी स्पष्ट है। सवाल कांग्रेस पर उठता है जिन्होंने राज्य निर्माण का ही नही बल्कि खंडूरी सरकार में लाए भू कानून का भी सदन में विरोध किया था। जबाब स्थानीय होने की राजनीति करने वाली पार्टियों को भी देना होगा कि देवभूमि को बचाने के लिए जब लैंड और लव जिहाद पर कार्यवाही हुई तो वे विरोध में क्यों खड़े थे। क्या कांग्रेस से उनकी सीट शेयरिंग हो रही है तभी वे राज्य निर्माण विरोधी रही पार्टी के साथ खड़े हैं ।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा जन भावनाओं को लेकर जिम्मेदार दल है और अब तक जन अपेक्षाओं पर खरी उतरती रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी का उद्देश्य भू कानून को लेकर स्पष्ट है। सरकार ने पहले भू कानून समिति का गठन किया और उसकी शिफारिशें आने के बाद उच्च स्तरीय प्रारूप समिति बनायी है जो कि उसका परीक्षण कर उसके सभी पहुलुओं की जांच केरेगी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर भाजपा राज्य को मजबूत भू कानून मुहैया करायेगी। राज्य की संस्कृति और डेमोग्राफी के सरंक्षण के लिए भाजपा पहले ही लैंड जिहाद के खिलाफ कड़ा कानून ला चुकी है।

भट्ट ने कहा कि मूल निवास को लेकर भी सरकार स्थिति को स्पष्ट कर चुकी है। मूल निवास को लेकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि मूल निवासियों को स्थायी बनाया जा रहा है, जबकि यह व्यवस्था नियुक्ति प्रक्रिया मे आ रही दिक्कतो की वजह से की गयी। इसका असर हक हकूको पर नही होगा। मूल निवास धारकों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नही होगी इसके लिए सीएम धामी पहले ही निर्देश जारी कर चुके है।
भट्ट ने लोगों से धैर्य रखने का आग्रह करते हुए कांग्रेस की मौकापरस्ती पर हमला बोला कि राज्य ने देखा है किस तरह 2003 से 2007 के कांग्रेस शासन में भू संपदा की लूट और बंदरबांट की गई । यही नहीं जब खंडूरी सरकार विधानसभा में भू कानून का प्रस्ताव लेकर आई तो इसी कांग्रेस ने सदन में हंगामा और व्यवधान कर उसे पास नही होने दिया । उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज्य निर्माण की विरोधी भी रही है और भू कानून की विरोधी भी । अभी तो सिर्फ सत्ता पाने की छटपटाहट में भू कानून पर समर्थन का ढकोसला कर रहे हैं । उन्होंने उक्रांद समेत अन्य तमाम राजनैतिक पार्टियों पर तंज किया कि ये सभी अपनी बासी हो गई राजनैतिक रोटी को भू कानून की आंच से सेकना चाहते हैं । इन्हे बताना होगा जब देवभूमि की बहिन बेटियों को अवैध धर्मांतरण से बचाने के लिए कठोरतम कानून लाया गया तो ये सभी लोग क्यों धर्मनिरपेक्षता का हल्ला मचा रहे थे । जब धार्मिक अतिक्रमण की शक्ल में लैंड जिहाद की साजिश की जा रही थी तो भी यही लोग सरकार की कार्यवाही का विरोध कर रहे थे । प्रदेश की जनता देख रही है, स्थानीय हितों के नाम पर राजनीति करने ये पार्टियां इंडी गठबंधन का धर्म निभा रही है और उत्तराखंड के साथ अधर्म कर रही हैं। उन्हे बताना चाहिए कि क्या कांग्रेस सीट शेयरिंग में उनके लिए कोई लोकसभा छोड़ने वाली है, अन्यथा क्यों राज्य विरोधी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post विकसित भारत युवाओं के सामर्थ्य, जोश, और कठिन परिश्रम पर निर्भर करेगा। राज्यपाल
Next post रक्षामंत्री, लोकसभा अध्यक्ष व सीएम ने आध्यात्मिक महोत्सव में किया प्रतिभाग