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जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आयोजित द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी

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नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आयोजित द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ. ज्योति प्रसाद गैरोला ( निवासी ग्राम भांगला जिला टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड) ने प्राचीन भारतीय कौटिल्य कालीन राजव्यवस्था पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

उन्होंने कौटिल्य कालीन राजव्यवस्था के उत्कृष्ट तत्वों जैसे राजत्व सिद्धान्त, सप्तांग अवधारणा, लोककल्याणकारी राज्य, भ्रष्टाचार नियंत्रण रणनीति, धर्मनीति, विदेशनीति आदि की वर्तमान विश्व की चुनौतियों के समाधान में प्रासंगिकता को बताया ।

इस परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में वर्तमान भारत सरकार द्वारा  सुःशासन, भ्रष्टाचार नियंत्रण कार्यवाही , लोककल्याणकारी राज्य, सामाजिक – धार्मिक – आर्थिक – न्याय, विश्त मानचित्र पर भारत को विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने के प्रयास आदि कार्य प्राचीन कौटिल्य कालीन राजव्यवस्था के गौरव से प्रेरित है। साथ ही भविष्य की चुनौतियों के निदान में भी कौटिल्य राजव्यवस्था प्रेरणास्पद है। इस अवसर पर प्रो० इकबाल हुसैन कार्यवाहक कु‌लपति जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली, प्रो० मुरली मनोहर पाठक कुलपति लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली, प्रो० गिरीश्वर मिश्व पूर्व कुलपति वर्धा विश्वविद्यालय आदि गणमान्य विद्वान उपस्थित थे।

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