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देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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भारतरत्न संविधान शिल्पी बाबा साहब ने संविधान में नागरिको के मूल अधिकारों के साथ भारतीय संस्कृति के गौरवमयी इतिहास को सहेजा- भारत सरकार के देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में उद्बोधन, कविता गीत के माध्यम से डा भीमराव अंबेडकर के जीवन और देश के लिए उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में स्नेहिल संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष डा ममता सिंह ने संविधान का दर्शन और बाबा साहब विषय पर उद्बोधन में कहा कि भारत रत्न, समाज-सुधारक, शिक्षाविद डा अंबेडकर ने मूल अधिकारों के साथ साथ आर्थिक और सामाजिक प्रक्रिया के लिए राज्यों के नीति निर्देशक सिद्धांतो की अनूठी व्यवस्था दी, संविधान की मूल प्रति में नंदलाल बोस द्वारा चित्रित 22 चित्र भारतीय संस्कृति इतिहास के गौरवमयी सोपान हैं जिसमे सिंधु घाटी की सभ्यता, नालंदा, गुरु गोविंद सिंह, शिवाजी महाराज, सुभाष चंद्र बोस, रामराज्य, महाभारत, गीता उपदेश, रानी लक्ष्मीबाई भागीरथ की तपस्या, डांडी मार्च प्रमुख हैं।विशेष उपस्थिति पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने डा अंबेडकर के जीवन वृत्त पर बोलते हुए प्रकृति संरक्षण पर बल दिया, उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक व्यक्ति को पेड़ लगाने की आवश्यकता है अन्यथा आनेवाला समय बहुत मुश्किल होगा। कार्यक्रम संयोजक डा जसमीर सिंह ने डा अंबेडकर के मानवतावादी विचारों को उल्लेखित किया। डा मनीष ने संविधान की मूल भावना का वर्णन करते हुए बाबासाहब की शिक्षा और लेखन पर चर्चा की। डा प्रेमानंद और डा रेड्डी ने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का विस्तृत परिचय दिया। डा विनोद केन ने एलबीएस एकेडमी में रखी संविधान की मूल प्रति का उल्लेख करते हुए कहा कि अंबेडकर जी ने भविष्य में आने वाली परिस्थतियो में संशोधन की आवश्यकता को समझा लेकिन मूल अधिकारों को अपरिवर्तनीय रखा। डा अमित वर्मा ने डा भीमराव के बचपन मे सामाजिक विसंगतियो और संघर्ष के बारे में बताया । डा ढालवाल ने डा अंबेडकर द्वारा संविधान में मौलिक कर्तव्य के विषय में वक्तव्य रखा। डा सतेन्दर द्वारा अंबेडकर जी पर गीत प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम मे बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे ।कार्यक्रम के समापन पर डा ममता सिंह द्वारा अंबेडकर जी के आदर्शों पर चलने, समरसता पूर्ण समाज, राष्ट्र के प्रति निष्ठा रखते हुए कार्य करने की शपथ दिलायी गई।

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