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उज्वल श्रम संविदा सहकारी समिति लिमिटेड पर जीएसटी की चोरी का बड़ा खुलासा

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देहरादून। देहरादून जिले में बड़े सरकारी उपक्रमों को सेवाएं दे रही उज्वल श्रम संविदा सहकारी समिति लिमिटेड ने तीन करोड़ से अधिक की जीएसटी नहीं दिया। केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्त कार्यालय ने जीएसटी की इस चोरी का बड़ा खुलासा किया है।
सीजीएसटी आयुक्त दीपांकर ऐरन ने बताया कि जीएसटी चोरी करने वाले व्यापारियों और फर्मों के बारे में गोपनीय जानकारी जुटाई जा रही है। उज्वल श्रम संविदा सहकारी समिति लिमिटेड ने एफआरआई, वन प्रभाग देहरादून, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, वन प्रभाग हल्द्वानी, भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान, बीएसएनएल, मृदा संरक्षण संस्थान में मानव संसाधन और वर्क कांटेक्ट की सेवाएं दी जाती है।
समिति ने उक्त उपक्रमों से 20.24 करोड़ की राशि प्राप्त की, लेकिन इस पर देय जीएसटी का भुगतान नहीं किया। गोपनीय सूचनाओं के आधार पर समिति की जांच की गई। सीजीएसटी की टीम ने समिति के अध्यक्ष शैलेश वर्मा के आवासों से दस्तावेज जब्त किए, जिसमें तीन करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़ी गई। आयुक्त ने बताया कि सीजीएसटी अधिनियम के तहत शैलेश वर्मा को समन जारी किए गए। इस पर वर्मा ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में सीजीएसटी आयुक्त कार्यालय की ओर से 55 मामलों में 75.59 करोड़ की टैक्स का पता लगाया गया। इसमें 68.59 करोड़ टैक्स की वसूली गई, जबकि बीते वित्त वर्ष 2021-22 में टैक्स चोरी मामले में 97.20 करोड़ की वसूली की गई है।

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