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मां गंगा की तट पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, भावुक होकर मां गंगा के सामने रखी अपनी पीड़ा, हाथ जोड़कर मांगी माफी

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ऋषिकेश, 23 फरवरी। उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का विवादित बयान को मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इसी बीच बवाल बढ़ता देख मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जन भावनाओं की कदर करते हुए माफी मांगने की बात कही है. इसके बदले उन्होंने दुष्प्रचार और समाज को बांटने से रोकने की मांग भी विपक्ष से की है. विधानसभा में पहाड़ी समुदाय पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का बयान इन दिनों सुर्खियों में है. बयान को लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसके साथ ही प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्रिमंडल से निष्कासित करने की मांग भी जोर पकड़ रही है.

गंगा तट पर जाकर लगाई न्याय की गुहार
दरअसल, बजट सत्र समाप्त होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश स्थित साई घाट पर मां गंगा की शरण में पहुंचे. जहां उन्होंने मां गंगा से न्याय की गुहार लगाई और उनके एक शब्द को लेकर हो रहे दुष्प्रचार को खत्म करने के लिए माफी मांगने तक की बात कही. कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वो लगातार विपक्ष के निशाने पर है, ऐसे गलतियों की वजह से है, जो उन्होंने की ही नहीं है. लगातार उनके खिलाफ दुष्प्रचार और समाज को बांटने का काम विपक्ष कर रहा है.

बजट सत्र के दौरान एक शब्द को लेकर वो पहले ही खेद प्रकट कर चुके हैं. बावजूद इसके विपक्ष समाज को बांटने की राजनीति कर रहा है, जो कि गलत है. इस दुष्प्रचार को रोकने के लिए वो फिर से माफी मांगने के लिए तैयार हैं. उन्होंने विपक्ष को राज्य की उन्नति और विकास के लिए साथ आने के लिए फिर से कहा. उन्होंने अपनी पीड़ा को भी मां गंगा के सामने रखा. उन्होंने कहा कि मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो ऋषिकेश में चार बार के विधायक हैं. मां गंगा ही उन्हें न्याय दिलाएगी और उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों का भी कल्याण करेगी.

प्रेमचंद अग्रवाल बोले- वो मां गंगा के बेटे हैं, मां गंगा ही करेगी न्याय: मंत्री अग्रवाल ने कहा कि वो मां गंगा के बेटे हैं. उनकी मां गंगा में बेहद आस्था है. मां गंगा ही उनके साथ न्याय करेगी. उन्होंने मां गंगा के तट पर पूजा अर्चना की और मां गंगा से न्याय दिलाने की प्रार्थना भी की.

यहां के लोगों ने बलिदान देकर उत्तराखंड राज्य बनाया है. यह राज्य इसलिए नहीं बनाया कि उनका निरंतर अपमान किया जाये. समाज का गुस्सा व्यक्ति पर नहीं बल्कि उस व्यक्ति के पीछे क्या मानसिकता काम कर रही है, उसके पीछे कौन सी शक्तियां खड़ी हैं, उस पर लक्ष्य करना चाहिए. जिस पार्टी को लोगों ने सब कुछ दे दिया अगर उस पार्टी के कुछ लोग उत्तराखंड की अस्मिता और भावना को ठेस पहुंचाने वाली बातें करते हैं तो फिर इसका दोषी कौन है? दोषी वह है, जो इस घटना पर सदन में मौन रहे. दोषी वे हैं जो बाहर भी मौन हैं.
हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

 

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