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चार दिवसीय नवीकरणीय ईंधन के लिए जिज्ञासा कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

देहरादून। सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून में सिंधिया कन्या विद्यालय, ग्वालियर के ग्यारहवीं कक्षा की छात्राओं के लिए जिज्ञासा 2.0 कार्यक्रम के तहत चार दिवसीय नवीकरणीय ईंधन के लिए जिज्ञासा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 4 दिवसीय इस कार्यक्रम का उद्घाटन सीएसआईआर-भापेसं देहरादून के निदेशक डॉ अंजन रे ने किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीएसआईआर-भापेसं द्वारा विकसित अखा वनस्पति तेलों, प्रयुक्त खाना पकाने के तेल और अपशिष्ट प्लास्टिक से विभिन्न प्रकार के ईंधन की विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी देना है। डॉ. अनाज रे, छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुये कहा की हमे अपने दैनिक जीवन में उत्पन्न होने वाले विभिन्न प्रकार के कचरे के बारे मे जागरूक होना चाहिए और साथ ही अपशिष्ट उत्पादन को कम कर उसे ऊर्जा और ईंधन के लिए मार्गकृत करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नेट जीरो ब्व्2 उत्सर्जन के लक्ष्य प्राप्ति के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को सीएसआईआर- भापेसं के वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला।
विभिन्न विषयों जैसे अक्षय ईंधन, वैकल्पिक ईंधन, भविष्य के ईंधन के रूप में हाइड्रोजन, विद्युत वाहन रेट्रोफिटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, पेट्रोकेमिकल्स और पॉलिमर जैसे विभिन्न विषयों पर व्याख्यान की एक श्रृंखला का आयोजन भी किया गया। डॉ. अंजन रे, डॉ नीरज अत्रे, डॉ आनंद नारानी, डॉ. सुनील कुमार सुमन, डॉ. सनत कुमार, डॉ. शुभम पॉल, डॉ. ननोजी इसलावथ, डॉ. रोबिन्द्रो, डॉ. तुहिन खान, डॉ. डी.वी. नाइक और डॉ. उमेश कुमार ने अपने व्यखानों द्वारा छात्राओं मे विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने का एक सफल प्रयोग किया। छात्रों को बायोडीजल के लिए आरयूसीओ की प्रक्रिया के साथ-साथ सीओ2 से ड्राइ आइस के निर्माण का भी प्रयोग करवाया गया। इसके अलावा, छात्राओं ने विभिन्न प्रयोगशालाओं जैसे जैव-प्रौद्योगिकी और जैव रसायन प्रयोगशाला, सोखना और झिल्ली पृथक्करण प्रयोगशाला, सीएफआर इंजन, उत्सर्जन परीक्षण प्रयोगशाला, थर्मो उत्प्रेरक प्रक्रिया प्रयोगशाला, उन्नत कच्चे तेल अनुसंधान केंद्र, आईआर और जीसी-एमएस प्रयोगशाला का भी दौरा किया। उन्होंने अपशिष्ट प्लास्टिक से ईंधन और रसायन, और बायोजेट ईंधन के पायलट संयंत्रों का भी दौरा किया। समापन समारोह के दौरान सीएसआईआर-भापेसं के मुख्य वैज्ञानिक प्रो. एसके गांगुली द्वारा छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. अंकुर बोरदोलोई, प्रधान वैज्ञानिकय डॉ. उमेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिकय डॉ जीडी ठाकरे, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिकय डॉ कमल कुमार, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारीय डॉ. दीपेंद्र त्रिपाठी, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारीय डॉ ज्योति पोरवाल, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारीय डॉ. प्रदीप त्यागी, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारीय डॉ. रघुवीर सिंह, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारीय मुकुल शर्मा और पंकज भास्कर ने अनुकरणीय भूमिका निभाई। पूरे कार्यक्रम का समन्वय जिज्ञासा समन्वयक डॉ. आरती, प्रधान वैज्ञानिक सीएसआईआर-भापेसं द्वारा किया गया।

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